Sunday 7 October 2018

माइकल जैक्सन और मौत

माइकल जैक्सन डेड सौ साल जीना चाहता था! किसी के साथ हाथ मिलाने से पहले दस्ताने पहनता था! लोगों के बीच में जाने से पहले मुंह पर मास्क लगाता था !उसकी देखरेख करने के लिए उसने अपने घर पर 12 डॉक्टर्स नियुक्त किए हुए थे !

जो उसके सर के बाल से लेकर पांव के नाखून तक की जांच प्रतिदिन किया करते थे! उसका खाना लैबोरेट्री में चेक होने के बाद उसे खिलाया जाता था! उसको व्यायाम करवाने के लिए 15 लोगों को रखा हुआ था! माइकल जैकसन अश्वेत था उसने 1987 में प्लास्टिक सर्जरी करवा कर अपनी त्वचा को गोरा बनवा लिया था!

अपने काले मां-बाप और काले दोस्तों को भी छोड़ दिया गोरा होने के बाद उसने गोरे मां-बाप को किराए पर लिया! और अपने दोस्त भी गोरे बनाए शादी भी गोरी औरतों के साथ की!

नवम्बर 15 को माइकल ने अपनी नर्स डेबी रो से विवाह किया, जिसने प्रिंस माइकल जैक्सन जूनियर (1997) तथा पेरिस माइकल केथरीन (3 अपैल 1998) को जन्म दिया।

18 मई 1995 में किंग ऑफ पॉप ने रॉक के शहजादे एल्विस प्रेस्ली की बेटी लिसा प्रेस्ली से शादी कर ली। एमटीवी वीडियो म्यूजिक अवॉर्ड्स में इस जोड़ी के ऑनस्टेज किस ने बहुत सुर्खियाँ बटोरी! हालाँकि यह जोडी सिर्फ दो साल तक ही साथ रह पाई और 18 जून 1996 में माइकल और लिसा ने तलाक ले लिया।

वो डेढ़ सौ साल तक जीने के लक्ष्य को लेकर चल रहा था! हमेशा ऑक्सीजन वाले बेड पर सोता था,उसने अपने लिए अंगदान करने वाले डोनर भी तैयार कर रखे थे! जिन्हें वह खर्चा देता था,ताकि समय आने पर उसे किडनी, फेफड़े, आंखें या किसी भी शरीर के अन्य अंग की जरूरत पड़ने पर वह आकर दे दे।

उसको लगता था वह पैसे और अपने रसूख की बदौलत मौत को भी चकमा दे सकता है लेकिन वह गलत साबित हुआ 25 जून 2009 को उसके दिल की धड़कन रुकने लगी उसके घर पर 12 डॉक्टर की मौजूदगी मैं हालत काबू में नहीं आए, सारे शहर के डाक्टर उसके घर पर जमा हो गए वह भी उसे नहीं बचा पाए।

उसने 25 साल तक बिना डॉक्टर से पूछे कुछ नहीं खाया! अंत समय में उसकी हालत बहुत खराब हो गई थी 50 साल तक आते-आते वह पतन के करीब ही पहुंच गया था! और 25 जून 2009 को वह इस दुनिया से चला गया जिसने जिसने अपने लिए डेढ़ सौ साल जीने इंतजाम कर रखा था!उसका इंतजाम धरा का धरा रह गया!

जब उसकी बॉडी का पोस्टमार्टम हुआ तो डॉक्टर ने बताया! कि उसका शरीर हड्डियों का ढांचा बन चुका था! उसका सिर गंजा था उसकी पसलियां कंधे हड्डियां टूट चुके थे! उसके शरीर पर अनगिनत सुई के निशान थे प्लास्टिक सर्जरी के कारण होने वाले दर्द से छुटकारा पाने के लिए एंटीबायोटिक वाले दर्जनों इंजेक्शन उसे दिन में लेने पड़ते थे!

माइकल जैक्सन की अंतिम यात्रा को 2.5 अरब लोगो ने लाइव देखा था। यह अब तक की सबसे ज़्यादा देखे जाने वाली लाइव ब्रॉडकास्ट हैं।

माइकल जैक्सन की मृत्यु के दिन यानी 25 जून 2009 को 3:15 PM पर, Wikipedia,Twitter और AOL’s instant messenger यह सभी क्रैश हो गए थे।

उसकी मौत की खबर का पता चलता है गूगल पर 8 लाख लोगों ने माइकल जैकसन को सर्च किया! ज्यादा सर्च होने के कारण गूगल पर सबसे बड़ा ट्रैफिक जाम हुआ था! और गूगल क्रैश हो गया ढाई घंटे तक गूगल काम नहीं कर पाया!

मौत को चकमा देने की सोचने वाले हमेशा मौत से चकमा खा ही जाते हैं! सार यही है,बनावटी दुनिया के बनावटी लोग कुदरती मौत की बजाय बनावटी मौत ही मरते हैं!

*-क्यों करते हो गुरुर अपने चार दिन के ठाठ पर,*
*-मुठ्ठी भी खाली रहेंगी जब पहुँचोगे घाट पर**

Sunday 1 July 2018

अद्भुत है इंसान का शरीर

वैज्ञानिकों ने बताया कितना दिलचस्प है इंसान का शरीर

अद्भुत है इंसान का शरीर 

*जबरदस्त फेफड़े*

हमारे फेफड़े हर दिन 20 लाख लीटर हवा को फिल्टर करते हैं. हमें इस बात की भनक भी नहीं लगती. फेफड़ों को अगर खींचा जाए तो यह टेनिस कोर्ट के एक हिस्से को ढंक देंगे.

*ऐसी और कोई फैक्ट्री नहीं*

हमारा शरीर हर सेकंड 2.5 करोड़ नई कोशिकाएं बनाता है. साथ ही, हर दिन 200 अरब से ज्यादा रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है. हर वक्त शरीर में 2500 अरब रक्त कोशिकाएं मौजूद होती हैं. एक बूंद खून में 25 करोड़ कोशिकाएं होती हैं.

*लाखों किलोमीटर की यात्रा*

इंसान का खून हर दिन शरीर में 1,92,000 किलोमीटर का सफर करता है. हमारे शरीर में औसतन 5.6 लीटर खून होता है जो हर 20 सेकेंड में एक बार पूरे शरीर में चक्कर काट लेता है.

*धड़कन, धड़कन*

एक स्वस्थ इंसान का हृदय हर दिन 1,00,000 बार धड़कता है. साल भर में यह 3 करोड़ से ज्यादा बार धड़क चुका होता है. दिल का पम्पिंग प्रेशर इतना तेज होता है कि वह खून को 30 फुट ऊपर उछाल सकता है.

*सारे कैमरे और दूरबीनें फेल*

इंसान की आंख एक करोड़ रंगों में बारीक से बारीक अंतर पहचान सकती है. फिलहाल दुनिया में ऐसी कोई मशीन नहीं है जो इसका मुकाबला कर सके.

*नाक में एंयर कंडीशनर*

हमारी नाक में प्राकृतिक एयर कंडीशनर होता है. यह गर्म हवा को ठंडा और ठंडी हवा को गर्म कर फेफड़ों तक पहुंचाता है.

*400 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार*

तंत्रिका तंत्र 400 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से शरीर के बाकी हिस्सों तक जरूरी निर्देश पहुंचाता है. इंसानी मस्तिष्क में 100 अरब से ज्यादा तंत्रिका कोशिकाएं होती हैं.

*जबरदस्त मिश्रण*

शरीर में 70 फीसदी पानी होता है. इसके अलावा बड़ी मात्रा में कार्बन, जिंक, कोबाल्ट, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फेट, निकिल और सिलिकॉन होता है.

*बेजोड़ झींक*

झींकते समय बाहर निकले वाली हवा की रफ्तार 166 से 300 किलोमीटर प्रतिघंटा हो सकती है. आंखें खोलकर झींक मारना नामुमकिन है.

*बैक्टीरिया का गोदाम*

इंसान के वजन का 10 फीसदी हिस्सा, शरीर में मौजूद बैक्टीरिया की वजह से होता है. एक वर्ग इंच त्वचा में 3.2 करोड़ बैक्टीरिया होते हैं.

*ईएनटी की विचित्र दुनिया*

आंखें बचपन में ही पूरी तरह विकसित हो जाती हैं. बाद में उनमें कोई विकास नहीं होता. वहीं नाक और कान पूरी जिंदगी विकसित होते रहते हैं. कान लाखों आवाजों में अंतर पहचान सकते हैं. कान 1,000 से 50,000 हर्ट्ज के बीच की ध्वनि तरंगे सुनते हैं.

*दांत संभाल के*

इंसान के दांत चट्टान की तरह मजबूत होते हैं. लेकिन शरीर के दूसरे हिस्से अपनी मरम्मत खुद कर लेते हैं, वहीं दांत बीमार होने पर खुद को दुरुस्त नहीं कर पाते.

*मुंह में नमी*

इंसान के मुंह में हर दिन 1.7 लीटर लार बनती है. लार खाने को पचाने के साथ ही जीभ में मौजूद 10,000 से ज्यादा स्वाद ग्रंथियों को नम बनाए रखती है.

*झपकती पलकें*

वैज्ञानिकों को लगता है कि पलकें आंखों से पसीना बाहर निकालने और उनमें नमी बनाए रखने के लिए झपकती है. महिलाएं पुरुषों की तुलना में दोगुनी बार पलके झपकती हैं.

*नाखून भी कमाल के*

अंगूठे का नाखून सबसे धीमी रफ्तार से बढ़ता है. वहीं मध्यमा या मिडिल फिंगर का नाखून सबसे तेजी से बढ़ता है.

*तेज रफ्तार दाढ़ी*

पुरुषों में दाढ़ी के बाल सबसे तेजी से बढ़ते हैं. अगर कोई शख्स पूरी जिंदगी शेविंग न करे तो दाढ़ी 30 फुट लंबी हो सकती है.

*खाने का अंबार*

एक इंसान आम तौर पर जिंदगी के पांच साल खाना खाने में गुजार देता है. हम ताउम्र अपने वजन से 7,000 गुना ज्यादा भोजन खा चुके होते हैं.

*बाल गिरने से परेशान*

एक स्वस्थ इंसान के सिर से हर दिन 80 बाल झड़ते हैं.

*सपनों की दुनिया*

इंसान दुनिया में आने से पहले ही यानी मां के गर्भ में ही सपने देखना शुरू कर देता है. बच्चे का विकास वसंत में तेजी से होता है.

*नींद का महत्व*

नींद के दौरान इंसान की ऊर्जा जलती है. दिमाग अहम सूचनाओं को स्टोर करता है. शरीर को आराम मिलता है और रिपेयरिंग का काम भी होता है. नींद के ही दौरान शारीरिक विकास के लिए जिम्मेदार हार्मोन्स निकलते हैं.

OUR BODY IS VERY PRECIOUS, PLEASE TAKE CARE OF YOURSELF

Monday 25 June 2018

बटुकेश्वर दत्त !

बटुकेश्वर दत्त !
नाम याद है या भूल गए ??
हाँ, ये वही बटुकेश्वर दत्त हैं जिन्होंने भगतसिंह के साथ दिल्ली असेंबली में बम फेंका था और गिरफ़्तारी दी थी।
अपने भगत  पर तो जुर्म संगीन थे लिहाज़ा उनको सजा-ए-मौत दी गयी । पर बटुकेश्वर दत्त को आजीवन कारावास के लिए काला पानी (अंडमान निकोबार) भेज दिया गया और मौत उनको करीब से छू कर गुज़र गयी।  वहाँ जेल में भयंकर टी.बी. हो जाने से मौत फिर एक बार बटुकेश्वर पर हावी हुई लेकिन वहाँ भी वो मौत को गच्चा दे गए। कहते हैं जब भगतसिंह, राजगुरु सुखदेव को फाँसी होने की खबर जेल में बटुकेश्वर को मिली तो वो बहुत उदास हो गए।
इसलिए नहीं कि उनके दोस्तों को फाँसी की सज़ा हुई,,, बल्कि इसलिए कि उनको अफसोस था कि उन्हें ही क्यों ज़िंदा छोड़ दिया गया !
1938 में उनकी रिहाई हुई और वो फिर से गांधी जी के साथ आंदोलन में कूद पड़े लेकिन जल्द ही फिर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिए गए और वो कई सालों तक जेल की यातनाएं झेलते रहे।
बहरहाल 1947 में देश आजाद हुआ और बटुकेश्वर को रिहाई मिली। लेकिन इस वीर सपूत को वो दर्जा कभी ना मिला जो हमारी  सरकार और भारतवासियों से इसे मिलना चाहिए था।
आज़ाद भारत में बटुकेश्वर नौकरी के लिए दर-दर भटकने लगे। कभी सिगरेट बेची तो कभी टूरिस्ट गाइड का काम करके पेट पाला। कभी बिस्किट बनाने का काम शुरू किया लेकिन सब में असफल रहे।
कहा जाता है कि एक बार पटना में बसों के लिए परमिट मिल रहे थे ! उसके लिए बटुकेश्वर दत्त ने भी आवेदन किया ! परमिट के लिए जब पटना के कमिश्नर के सामने इस 50 साल के अधेड़ की  पेशी हुई तो उनसे कहा गया कि वे स्वतंत्रता सेनानी होने का प्रमाण पत्र लेकर आएं..!!!  भगत के साथी की इतनी बड़ी बेइज़्ज़ती भारत में ही संभव है।
हालांकि बाद में राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को जब यह बात पता चली तो कमिश्नर ने बटुकेश्वर से माफ़ी मांगी थी ! 1963 में उन्हें विधान परिषद का सदस्य बना दिया गया । लेकिन इसके बाद वो राजनीति की चकाचौंध से दूर  गुमनामी में जीवन बिताते रहे । सरकार ने इनकी कोई सुध ना ली।
1964 में जीवन के अंतिम पड़ाव पर बटुकेश्वर दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में कैंसर से जूझ रहे थे तो उन्होंने अपने परिवार वालों से एक बात कही थी-
"कभी सोचा ना था कि जिस दिल्ली में मैंने बम फोड़ा था उसी दिल्ली में एक दिन इस हालत में स्ट्रेचर पर पड़ा होऊंगा।"
इनकी दशा पर इनके मित्र चमनलाल ने एक लेख लिख कर देशवासियों का ध्यान इनकी ओर दिलाया कि-"किस तरह एक क्रांतिकारी  जो फांसी से बाल-बाल बच गया जिसने कितने वर्ष देश के लिए कारावास भोगा , वह आज नितांत दयनीय स्थिति में अस्पताल में पड़ा एड़ियां रगड़ रहा है और उसे कोई पूछने वाला नहीं है।"
बताते हैं कि इस लेख के बाद सत्ता के गलियारों में थोड़ी हलचल हुई ! सरकार ने इन पर ध्यान देना शुरू किया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
भगतसिंह की माँ भी अंतिम वक़्त में उनसे मिलने पहुँची।
भगतसिंह की माँ से उन्होंने सिर्फ एक बात कही-"मेरी इच्छा है कि मेरा अंतिम संस्कार भगत की समाधि के पास ही किया जाए।उनकी हालत लगातार बिगड़ती गई.
17 जुलाई को वे कोमा में चले गये और 20 जुलाई 1965 की रात एक बजकर 50 मिनट पर उनका देहांत हो गया !
भारत पाकिस्तान सीमा के पास पंजाब के हुसैनीवाला स्थान पर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की समाधि के साथ ये गुमनाम शख्स आज भी सोया हुआ है।
मुझे लगता है भगत ने बटुकेश्वर से पूछा तो होगा- दोस्त मैं तो जीते जी आज़ाद भारत में सांस ले ना सका, तू बता आज़ादी के बाद हम क्रांतिकारियों की क्या शान है भारत में।"

आज सोचा कि कुछ इतर लिखूं और बटुकेश्वर दत्त से आपका परिचय करवाऊं !!

Wednesday 23 May 2018

What is Nipah Virus

Q : What is Nipah Virus ?

A : Nipah virus was initially discovered when it caused an outbreak of brain fever among pig farmers in Malaysia.

Q : Should I be worried ?

A :  A little. As it is transmitted from person to person and there is no effective antiviral therapy for this infection .

Q : Who is at high risk ? How is it transmitted ?

A : 1. People working with pigs and consuming pigs.

2. Farmers who come in contact with bats.

3. Consuming Fruits which are already bitten by bat.

4. Contact with people who already have Nipah virus infection.

Q : What are the early symptoms  ?

A : The initial presentation is non-specific, characterized by the sudden onset of fever, headache, muscle pain , nausea and vomiting. Neck rigidity and photophobia are also  seen.
The disease rapidly progresses, with deterioration in consciousness *leading to coma within five to seven days.*

Q :How is it diagnosed ?

A : The rdiagnosis is by ELISA which is currently  done at National institute of Virology, Pune.

Q : How is it treated ?

A : Supportive care is the mainstay of treatment and infected patients may require intensive care monitoring.
*THERE IS NO APPROVED  SPECIFIC THERAPY FOR THIS INFECTION* . So prevention is the only cure !

Q : How do i prevent it ?

A : 1. Avoid contact with pigs and pig handlers  .

2. Maintain personal hygeine and intensive hand washing practices

3. *Avoid consuming raw fruits,* Consume only well cooked, clean, home made food till the outbreak settles down.

4. Preferably use N95 mask while travelling or working in public places to avoid person to person transmission.

5. Be aware of the symptoms and report to the doctor immediately for early diagnosis and treatment.

Share this message with all your cared ones ,
*Together, we can fight and win !* 

- Dr.Arjun.M.B, MD
Dr.R.M.L Hospital, New Delhi.
(National Nodal Centre for Control of yellow fever and other communicable diseases)

Saturday 12 May 2018

आयुर्वेद दोहे

आयुर्वेद दोहे

पानी में गुड डालिए, बीत जाए जब रात!
सुबह छानकर पीजिए, अच्छे हों हालात!!
*धनिया की पत्ती मसल, बूंद नैन में डार!*
दुखती अँखियां ठीक हों, पल लागे दो-चार!!
*ऊर्जा मिलती है बहुत, पिएं गुनगुना नीर!*
कब्ज खतम हो पेट की, मिट जाए हर पीर!!
*प्रातः काल पानी पिएं, घूंट-घूंट कर आप!*
बस दो-तीन गिलास है, हर औषधि का बाप!!
*ठंडा पानी पियो मत, करता क्रूर प्रहार!*
करे हाजमे का सदा, ये तो बंटाढार!!
*भोजन करें धरती पर, अल्थी पल्थी मार!*
चबा-चबा कर खाइए, वैद्य न झांकें द्वार!!
*प्रातः काल फल रस लो, दुपहर लस्सी-छांस!*
सदा रात में दूध पी, सभी रोग का नाश!!
*प्रातः- दोपहर लीजिये, जब नियमित आहार!*
तीस मिनट की नींद लो, रोग न आवें द्वार!!
*भोजन करके रात में, घूमें कदम हजार!*
डाक्टर, ओझा, वैद्य का , लुट जाए व्यापार !!
*घूट-घूट पानी पियो, रह तनाव से दूर!*
एसिडिटी, या मोटापा, होवें चकनाचूर!!
*अर्थराइज या हार्निया, अपेंडिक्स का त्रास!*
पानी पीजै बैठकर, कभी न आवें पास!!
*रक्तचाप बढने लगे, तब मत सोचो भाय!*
सौगंध राम की खाइ के, तुरत छोड दो चाय!!
*सुबह खाइये कुवंर-सा, दुपहर यथा नरेश!*
भोजन लीजै रात में, जैसे रंक सुजीत!!
*देर रात तक जागना, रोगों का जंजाल!*
अपच,आंख के रोग सँग, तन भी रहे निढाल^^
*दर्द, घाव, फोडा, चुभन, सूजन, चोट पिराइ!*
बीस मिनट चुंबक धरौ, पिरवा जाइ हेराइ!!
*सत्तर रोगों कोे करे, चूना हमसे दूर!*
दूर करे ये बाझपन, सुस्ती अपच हुजूर!!
*भोजन करके जोहिए, केवल घंटा डेढ!*
पानी इसके बाद पी, ये औषधि का पेड!!
*अलसी, तिल, नारियल, घी सरसों का तेल!*
यही खाइए नहीं तो, हार्ट समझिए फेल!
*पहला स्थान सेंधा नमक, पहाड़ी नमक सु जान!*
श्वेत नमक है सागरी, ये है जहर समान!!
*अल्यूमिन के पात्र का, करता है जो उपयोग!*
आमंत्रित करता सदा, वह अडतालीस रोग!!
*फल या मीठा खाइके, तुरत न पीजै नीर!*
ये सब छोटी आंत में, बनते विषधर तीर!!
*चोकर खाने से सदा, बढती तन की शक्ति!*
गेहूँ मोटा पीसिए, दिल में बढे विरक्ति!!
*रोज मुलहठी चूसिए, कफ बाहर आ जाय!*
बने सुरीला कंठ भी, सबको लगत सुहाय!!
*भोजन करके खाइए, सौंफ, गुड, अजवान!*
पत्थर भी पच जायगा, जानै सकल जहान!!
*लौकी का रस पीजिए, चोकर युक्त पिसान!*
तुलसी, गुड, सेंधा नमक, हृदय रोग निदान!
*चैत्र माह में नीम की, पत्ती हर दिन खावे !*
ज्वर, डेंगू या मलेरिया, बारह मील भगावे !!
*सौ वर्षों तक वह जिए, लेते नाक से सांस!*
अल्पकाल जीवें, करें, मुंह से श्वासोच्छ्वास!!
*सितम, गर्म जल से कभी, करिये मत स्नान!*
घट जाता है आत्मबल, नैनन को नुकसान!!
*हृदय रोग से आपको, बचना है श्रीमान!*
सुरा, चाय या कोल्ड्रिंक, का मत करिए पान!!
*अगर नहावें गरम जल, तन-मन हो कमजोर!*
नयन ज्योति कमजोर हो, शक्ति घटे चहुंओर!!
*तुलसी का पत्ता करें, यदि हरदम उपयोग!*
मिट जाते हर उम्र में,तन में सारे रोग।
*कृपया इस जानकारी को जरूर आगे बढ़ाएं*

Saturday 5 May 2018

घी खाइए, सेहत का खजाना पाइए

घी खाइए, सेहत का खजाना पाइए :

(1) तेल बार-बार गर्म करने से खराब होते है और ट्रांस फैट में बदलते है यही ट्रांस फैट शरीर में जमता है और बीमारियों का कारण बनता है। परंतु इसके विपरीत घी को उबाल कर ही शुद्ध किया जाता है। सबसे ज्यादा स्मोक पॉइंट होने के कारण घी अधिक तापमान को भी सहन करने की क्षमता रखता है।

(2) घी न केवल हमारे भोजन के स्वाद को बढ़ाता है बल्कि भोजन में घी होने से, कम मात्रा में भोजन करने पर ही भूख शांत होने लगती है। इस प्रकार हम अधिक मात्रा में खाने से बचते हैं।

(3) घी हमारे आमाशय की जठराग्नि को उसी प्रकार प्रचंड करता है जिस प्रकार यज्ञ की अग्नि को। अतः घी न केवल स्वयं शीघ्रता से पचता है बल्कि भोजन के अन्य अवयवों को भी पचाता है।

(4) घी में विटामिन ए, डी, इ, के एवं बी12 प्रचुर मात्रा में होते हैं। इनमें से विटामिन A व D एंटीआक्सीडेंट होते हैं । अतः घी स्वयं एक एंटीआक्सीडेंट की तरह काम करता है और हमारे शरीर की कोशिकाओं को क्षति से बचाता है। घी हमारे जोड़ों को मजबूती देता है।

(5) घी हमारे शरीर में 'गुड गट बैक्टीरिया' को बढ़ाता है जो कि भोजन के पाचन एवं अवशोषण के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। घी में मौजूद फैट को 'प्रीबायोटिक' का दर्जा दिया गया है I इस प्रकार भोजन में घी का होना अपच, कब्जी, पेट के फुलाव आदि का स्वाभाविक इलाज है ।

(6) इसी प्रीबायोटिक गुण के कारण घी सबसे अच्छा anti allergen भी है क्योंकि तरह-तरह की फूड एलर्जी का कारण आंतों के बैक्टीरिया का कम होना है ।

(7) कच्चे दूध से निकाले गए सफेद मक्खन (white butter) में wulzen factor मौजूद होता है जो जोड़ों की सामान्य बीमारियों एवं गठिया में लाभकारी होता है। wulzen factor को anti stiffness factor एवं anti arthritic nutrient भी कहते है।

(8) घी में मौजूद तत्व कंजुगेटेड लिनोलिक एसिड (CLA) शरीर की चर्बी को गलाने में सहायक होता है। अतः जिस प्रकार लोहा लोहे को पिघला देता है उसी प्रकार शरीर की चर्बी को गलाने के लिए हमें गुड फैट की आवश्यकता होती हैl

(9) घी में मौजूद मुख्य फैटी एसिड Butyric acid आंतों के लिए बहुत अच्छा होता हैI Butyric acid आंतों की सूजन, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम, UC, CD, कोलोन कैंसर के अलावा prediabetics n diabetics में भी बहुत फायदेमंद होता हैl इसके अलावा घी में मौजूद फैटी एसिड झुर्रियों रहित, दमकती त्वचा प्रदान करते है। बालों में मजबूती एवं चमक देते हैं।

(10) भोजन में घी की कमी होने से ही भोजन के उपरांत मीठा खाने की इच्छा बनी रहती है।

(11) घी भोजन की ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) को कम करता है अर्थात घी के प्रयोग से, लिए गए भोजन की ग्लूकोस, खून में धीरे धीरे पहुंचती है। ऐसा डायबिटीज एवं दिल की बीमारियों के मरीजों के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। यही कारण है कि पुराने जमाने से ही खिचड़ी, दाल चावल एवं अन्य कई व्यंजनों में ऊपर से घी डालकर खाया जाता है। खून में ग्लूकोज धीरे-धीरे रिलीज होने से शरीर एवं दिमाग में ग्लूकोस का सतत् लेवल बना रहता है।

(12) घी में मौजूद फैट आसानी से दिमाग में पहुंचते हैं और सोचने समझने की शक्ति को विकसित करने में लाभदायक होते हैं।

(13) 2015 में  US FDA ने स्वीकार किया कि भोजन में कोलेस्ट्रॉल लेने और दिल की बीमारियों में कोई संबंध नहीं है एवं कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन को ना लेने का कोई कारण नहीं है। परंतु 30- 40 साल तक जो गलत धारणा बनी हुई थी उसके चलते हमने ना केवल घी बल्कि मूंगफली, काजू, नारियल जैसी बेहद लाभदायक चीजों को भी खाना छोड़ दिया था। और तो और दूध भी लो फैट ही लेने लगे।

(14) जून 2014 में UK FOOD GUIDELINES (NICE) ने माना कि भोजन में ओमेगा 3 फैटी एसिड्स लेने की आवश्यकता कतई नहीं है। क्योंकि यदि ओमेगा 3 एवं ओमेगा 6 फैटी एसिड्स को भोजन में ज्यादा लिया जाता है तो यह शरीर में ट्रांस फैट में बदल जाते हैं और अंगों को क्षति पहुंचाते हैं। पिछले 20-30 वर्षों से इन्हीं ओमेगा 3 एवं ओमेगा 6 फैटी एसिड्स के नाम पर बाजार में सफोला जैसे तेलों को खूब प्रचारित किया गया और लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ किया गया।

(15) चाहे हम घी खाएं या तेल सभी में समान कैलोरी होती है। सभी फैट के 1 ग्राम से 9 कैलोरी मिलती है।

(16) घी के प्रति हमारे मन में यह डर फ़ूड इंडस्ट्री की काली करतूतों की वजह से ही पनपा है क्योंकि यदि घी एवं अन्य पारंपरिक कच्ची घानी के तेलों को को बदनाम न किया जाता तो फ़ूड इंडस्ट्री सफोला, फार्च्यून रिफाइंड, एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल जैसे तेलों को, दिल के लिए लाभकारी बताकर घर-घर ना पहुंचा पाती।

(17) इसलिए सभी व्यक्तियो को चाहे वे अपच, मोटापा, शुगर, BP या दिल की बीमारी से ही ग्रसित क्यों ना हो, तीन समय के भोजन में शुद्ध देशी घी का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। यदि अभी तक घी से परहेज कर रहे थे तो 4-5 चम्मच घी से आज ही शुरुआत कीजिए।

यदि अभी भी आप घी के प्रति असमंजस में हैं तो दिमाग की सोचने समझने की शक्ति को विकसित करने के लिए घी खाइए 🙏🙏

Monday 22 January 2018

अमरुद की पत्तियों के आश्चर्यजनक लाभ

●अमरुद की पत्तियों के आश्चर्यजनक लाभ●
अमरुद के फल ही नहीं पत्तियों में भी स्वास्थ्य के लिए विशेष गुण हैं, जानिये
अमरुद की पत्तियों की चाय भोजन को शर्करा बनाने से रोकती हैं, इस कारण मधुमेह रोगियों के लिए अमरुद के पत्तों की चाय लाभदायक है।
एच.डी.एल. में परिवर्तन किये बिना अमरुद के पत्तों की चाय खराब कोलेस्ट्रोल (एल.डी.एल) कम करती है।
अमरुद पत्तियों की चाय में रोगाणुरोधी गुण होने से अतिसार, दस्त और पेचिश एवं पेट के रोगों में लाभदायक है।
अमरुद के पत्तियों की चाय विषाक्त भोजन की स्थिति में भी लाभदायक है।
श्वास नाली के रोगों और खांसी में अमरुद पत्तों की चाय लाभदायक है।
दन्त रोगों और मसूड़ों की समस्या में अमरुद की पत्तियां चबाना लाभदायक है।
अमरुद की 9 पत्तियों को 5 कप जल में जल के आधा रहने तक पका काढ़ा डेंगू रोग में लाभदायक है।
बढे प्रोस्टेट और कैंसर में भी अमरुद के पत्तों की चाय लाभदायक है।
कुचली अमरुद की पत्तियां छोटे काटने के ज़ख्म और रगड़ पर लगाने से संक्रमण से बचाता है।
कान के बाहरी भाग में संक्रमण होने पर अमरुद के पत्तों की चाय को ठन्डे होने पर संक्रमित भाग को धोएं।
एलर्जी और कीड़े-मकोड़े से काटे स्थान पर कुचले अमरुद के पत्तों को लगाने से लाभ होता है।
चेहरे की झुर्रियों, मुहासों और मस्सों पर अमरुद के पत्तों को थोड़े जल में पीस कर लगाने से लाभ होता है।
अमरुद के पत्तों की चाय को ठंडा कर बाल धोने से बाल गिरना बंद होता है।

FINANCIAL TIPS FOR 2018

FINANCIAL TIPS FOR 2018
1 Avoid buying property on Loans as it eats most of your earnings unless you have a clear plan for its repayment.It's important to monitor cash flow.Though,the house will be your asset,your liability will be much more

2 Start a SIP at a very young age.Try to save atleast 15–25 % of your earnings

3 Avoid buying a car unless you use it everyday

4 Do not let this sentence scare you.Mutual fund investments are subject to market risks.Please read the offer documents carefully before investing.Most people avoid investing in Mutual Funds just because of this one warning. Yes, there is a market risk,but look at the history and growth of Mutual Funds

5 Try having a simple wedding

6 Atleast 20% of your wealth should be liquid so you can utilize it when necessary

7 Considering inflation, you are actually losing money if it is in the Savings Bank Account.Do not keep huge money in your Savings Bank Account

8 If you invest in stocks,pay due attention

9 If you invest in stocks have a separate account for delivery investment and Intraday investment.It is easy to monitor this way and also makes tax calculation easy

10 Do not have a belief that property and car make you rich.It's what you save and invest,that is important

11 Never invest in Insurance for returns. Insurance is not an investment option.It is a risk management tool

12 Never use Credit Cards for lavish spending.Use Credit Cards intelligently and for needs not for wants

13 Cancel all Credit Cards before you die.Or inform the family about all your Accounts,Credit Cards,Loans and Savings,now itself.Even a small residue will cost your family much

14 Invest on yourself and then on other investments

15 Always try to balance your earnings with your savings first,then on  spending and loans.Never take unnecessary Loans.Always have reserves and utilize them and unless no other go,never take loans

16 Always have a plan for future events on your career, life, spending and finance

17 Always have a reserve on your savings for contingency and urgent situations

18 Your personal life and health are the most important investment.Do have a regular health check and do healthy workout every day.Stay healthy and live happily

19 Always remember death can come anytime ..... so please do buy adequate Term Insurance if you have dependents

20 Must Prepare a Will.It may avoid unnecessary fights after you die