Tuesday 28 February 2017

Live Life Always Being Thankful

After 11th September attack , in World Trade Centre N.Y  one company invited the remaining members of other companies who had been decimated by the attack on the Twin Towers to share their available office space.
At a morning meeting, the head of security told stories of why these people were alive…... and all the stories were just the 'L I T T L E' things.

As you might know, the head of the company survived that day because his *son started kindergarten*.

Another fellow was alive because it was *his turn to bring donuts*.

One woman was late because her *alarm clock didn't go off in time*.

One of them *missed his bus*.

One *spilled food* on her clothes and *had to take time to change*.

One's *car wouldn't start*.

One *went back to answer the telephone*.

One had a *child* that dawdled and *didn't get ready* as soon as he should have.

One *couldn't get a taxi*.

*The one that struck me was the man who put on a new pair of shoes that morning, took the various means to get to work but before he got there, he developed a blister on his foot*.
He *stopped* at a drugstore *to buy a Band-Aid*.

That is why he is ALIVE today.

*Now when I am stuck in traffic, miss an elevator, turn back to answer a ringing telephone...*
*All the little things that annoy me.*
*I think to myself, this is exactly where God wants me to be at this very moment...*

Next time
Ur morning seems to be going wrong,
The children are slow getting dressed,
U can't seem to find the car keys,
U hit every traffic light...

*Don't get mad or frustrated. God is at work watching over u.*

*_May God continue to bless u with all those annoying little things & may u remember their possible purpose._*

Rhonda Byrne says:  *"Look for the gifts in everything, especially when you are facing what appears to be a negative situation.*

Everything that we attract causes us to grow, which means that ultimately everything is for our own good."

*Live Life Always Being Thankful*...

*With An Attitude of  Gratitude*.

Sunday 26 February 2017

नकारात्मक विचार

किसी जंगल मे एक गर्भवती हिरणी थी जिसका प्रसव होने को ही था . उसने एक तेज धार वाली नदी के किनारे घनी झाड़ियों और घास के पास एक जगह देखी जो उसे प्रसव हेतु सुरक्षित स्थान लगा.
अचानक उसे प्रसव पीड़ा शुरू होने लगी, लगभग उसी समय आसमान मे काले काले बादल छा गए और घनघोर बिजली कड़कने लगी जिससे जंगल मे आग भड़क उठी .
वो घबरा गयी उसने अपनी दायीं और देखा लेकिन ये क्या वहां एक बहेलिया उसकी और तीर का निशाना लगाये हुए था, उसकी बाईं और भी एक शेर उस पर घात लगाये हुए उसकी और बढ़ रहा था अब वो हिरणी क्या करे ?,
वो तो प्रसव पीड़ा से गुजर रही है ,
अब क्या होगा?,
क्या वो सुरक्षित रह सकेगी?,
क्या वो अपने बच्चे को जन्म दे सकेगी ?,
क्या वो नवजात सुरक्षित रहेगा?,
या सब कुछ जंगल की आग मे जल जायेगा?,
अगर इनसे बच भी गयी तो क्या वो बहेलिये के तीर से बच पायेगी ?
या क्या वो उस खूंखार शेर के पंजों की मार से दर्दनाक मौत मारी जाएगी?
जो उसकी और बढ़ रहा है,
उसके एक और जंगल की आग, दूसरी और तेज धार वाली बहती नदी, और सामने उत्पन्न सभी संकट, अब वो क्या करे?
लेकिन फिर उसने अपना ध्यान अपने नव आगंतुक को जन्म देने की और केन्द्रित कर दिया .
फिर जो हुआ वो आश्चर्य जनक था .
कडकडाती बिजली की चमक से शिकारी की आँखों के सामने अँधेरा छा गया, और उसके हाथो से तीर चल गया और सीधे भूखे शेर को जा लगा . बादलो से तेज वर्षा होने लगी और जंगल की आग धीरे धीरे बुझ गयी.
इसी बीच हिरणी ने एक स्वस्थ शावक को जन्म दिया .
ऐसा हमारी जिन्दगी मे भी होता है, जब हम चारो और से समस्याओं से घिर जाते है, नकारात्मक विचार हमारे दिमाग को जकड लेते है, कोई संभावना दिखाई नहीं देती , हमें कोई एक उपाय करना होता है.,
उस समय कुछ विचार बहुत ही नकारात्मक होते है, जो हमें चिंता ग्रस्त कर कुछ सोचने समझने लायक नहीं छोड़ते .
ऐसे मे हमें उस हिरणी से ये शिक्षा मिलती है की हमें अपनी प्राथमिकता की और देखना चाहिए, जिस प्रकार हिरणी ने सभी नकारात्मक परिस्तिथियाँ उत्पन्न होने पर भी अपनी प्राथमिकता "प्रसव "पर ध्यान केन्द्रित किया, जो उसकी पहली प्राथमिकता थी. बाकी तो मौत या जिन्दगी कुछ भी उसके हाथ मे था ही नहीं, और उसकी कोई भी क्रिया या प्रतिक्रिया उसकी और गर्भस्थ बच्चे की जान ले सकती थी
उसी प्रकार हमें भी अपनी प्राथमिकता की और ही ध्यान देना चाहिए .
हम अपने आप से सवाल करें,
हमारा उद्देश्य क्या है, हमारा फोकस क्या है ?,
हमारा विश्वास, हमारी आशा कहाँ है,
ऐसे ही मझधार मे फंसने पर हमें अपने इश्वर को याद करना चाहिए ,
उस पर विश्वास करना चाहिए जो की हमारे ह्रदय मे ही बसा हुआ है .
जो हमारा सच्चा रखवाला और साथी है..

Thursday 23 February 2017

चलती बस में निकाह

*चलती बस में निकाह। पूरा पढें और आप भी कहेंगे भई सुभानल्लाह ...भई माशाल्लाह*

*यह एक सच्ची और हाल ही में घटित हुई घटना है।*
:
गोंडा से दिल्ली बस जा रही थी जब बस स्टेशन से चल पड़ी तो फ्रंट सीट पर बैठे एक बुज़ुर्ग जो बहुत अच्छे कपड़े पहने हुए थे,
खड़े हो गए और बाकी मुसाफिरों से मुखातिब होकर कहा ...

मेरे भाइयों और बहनों मैं कोई भिखारी नहीं हूँ अल्लाह ने मुझे अपनी नेक अमतों से नवाजा है मगर मेरी बीवी एक मर्ज से अल्लाह को प्यारी हो गई, कुछ दिन गुज़रे मेरी फैक्ट्री में आग लग गई, मैं इम्पोर्ट एक्सपोर्ट का कारोबार करता हूँ...

मेरा सभी माल जलकर खाक़ हो गया फिर कुछ मुद्दत गुज़री कि मुझे दिल का दौरा पड़ा रिश्तेदारों ने जब ये महसूस किया कि इसके बुरे दिन आने लगे हैं तो उन्होंने भी हमसे रिस्ते बन्द कर दिये। डॉक्टरों ने मेरे बचने की जमानत कम ही दी है। मेरी ये जवान बेटी है इसका कोई वारिस नहीं रहेगा कोई इसके दामन अस्मत को तार-तार ना करे यही ग़म ज़्यादा खाए जा रहा है और उस शख्स की हिचकी बन्ध गई। उसकी बेटी जो पास में बैठी थी उठी और बाप को सहारा देकर सीट पर बैठा दिया ...

बस की पिछली सीट से एक आदमी खड़ा हुआ और कहने लगा मेरे दो बेटे हैं एक डॉक्टर है उसका निकाह हो चुका है और दूसरा ये जो मेरे बगल में बैठा हुआ है इंजिनियर है इसके लिये दुल्हन की तलाश है। मैं उस बुज़ुर्ग से दरख़्वास्त करता हूँ कि ये अपनी बेटी का निकाह मेरे इस बेटे से कर दें। मैं वादा करता हूँ कि बच्ची को कभी बाप की कमी महसूस नहीं होने दूंगा ....
लड़का खड़ा हो गया और कहा मुझे रिश्ता कबूल है....

बस में मौजूद एक मौलवी साहब खड़े होकर कहने लगे ये सफर बहुत मुबारक सफर है निकाह जैसा मुक़द्दस अमल हो जाए वह भी सफर में इससे अच्छी बात क्या होगी...?
अगर लोगों को ऐतराज़ न हो तो मैं निकाह पढ़ा दूँ.....

सब कहने लगे माशा अल्लाह , सुब्हान अल्लाह , अल्हम्दुलिल्लाह वगैरह, वगैरह
और मौलवी साहब ने निकाह पढ़ा दिया ....

बीच में से एक और साहब खड़े होकर कहने लगे मकीन छुट्टी पर जा रहा था अपने घर वालों के लिये लड्डू लेकर मगर इस मुबारक अमल को देखकर समझता हूँ कि लड्डू इधर ही तक़सीम कर दें, उसने दुल्हन के बाप से मुख़ातिब होते हुए कहा...

दुल्हन के बाप ने ड्राइवर से कहा ...ड्राइवर मियाँ 5 मिनट किसी जगह बस रोक देना ताकि सब मिलकर मुंह मीठा कर लें ड्राइवर ने कहा ठीक है बाबा जी ....

मग़रिब की नमाज़ बाद जब अन्धेरा होने लगा तो लड़की के बाप ने ड्राइवर से बस रोकने को कहा ...
और सब मुसाफिर मिलकर लड्डू खाने लगे , लड्डू खाते ही सब मुसाफिर सो गए।

ड्राइवर और कंडक्टर जब नींद से जागे तो अगली सुबह के 6 बजे थे मगर दुल्हन और दूल्हा और उनके दोनो बाप, मौलवी साहब और लड्डू बांटने वाला बस से ग़ायब थे। इतना ही नहीं बल्कि किसी मुसाफिर के पास ना घड़ी ना चैन ना पैसे बल्कि कुछ भी नहीं था।

इन 6 मेम्बरों का ग्रुप पूरी बस को मुकम्मल तौर पर लूट चुका था.....
*तो बोलो ...अरे बोलो माशाल्लाह*

*नोट : इन चोर लुटेरों के गैंग से सावधान और होशियार रहें।*

Monday 20 February 2017

सभ्य आदमी ने कितना खो दिया है ,सभ्यता के नाम पर

सभ्य आदमी ने कितना खो दिया है ,सभ्यता के नाम पर

बर्ट्रेंड रसेल पहली बार एक आदिवासी समाज में गया। पूरे चांद कीरात. और जब आदिवासी नाचने लगे और ढोल बजे और मंजीरे बजे तो रसेल के मन में उठा कि सभ्य आदमी ने कितना खो दिया है!सभ्यता के नाम पर हमारे पास है क्या?
न ढोल बजते हैं, न मंजीरा बजता है,न कोई नाचने की क्षमता रह गयी है;पैर ही नाचना भूल गये हैं।रसेल ने लिखा है कि उस रात पूरे चांद के नीचे,वृक्षों के नीचे नाचते हुए नंगे आदिवासियों को देखकर मेरे मन में यह सवाल उठा कि हमने पाया क्या है प्रगति के नाम पर?और उसने यह भी लिखा कि अगर लंदन में लौटकर मैं ट्रेफिलगर क्मायर में खड़े होकर नाचने लगा तो तत्क्षण पकड़ लिया जाऊंगा। लोग समझेंगे पागल हो गये।
लोग दुख को तो समझते हैं स्वास्थ्य और आनंद को समझते हैं विक्षिप्तता। हालतें इतनी बिगड़ गयी हैं कि इस दुनिया में केवल पागल ही हंसते हैं, बाकी समझदारों को तो हंसने की फुर्सत कहां है?
समझदारों के हृदय तो सूख गये हैं।समझदार रुपये गिनने में उलझे हैं।समझदार महत्वाकांक्षा की सीढ़ियां चढ़ रहे हैं।समझदार तो कहते हैं दिल्ली चलो।फुर्सत कहौ है हंसने की,दो गीत गाने की,इकतारा बजाने की,तारों के नीचे वृक्षों की छाया में नाचने की,सूरज को देखने की,फूलों से बात करने की,वृक्षों को गले भेंटने की, फुर्सत किसे है?ये तो आखिर की बातें हैं, जब सब पूरा हो जायेगा—धन होगा, पद होगा, प्रतिष्ठा होगी, तब बैठ लेंगे वृक्षों के नीचे। लेकिन यह दिन कभी आता नहीं, न कभी आया है, न कभी आयेगा। ऐसे जिंदगी तुम गुजार देते हो रोते—रोते, झींकते—झीकते। ऐसे ही आते हो ऐसे ही चले जाते हो—
खाली हाथ आये, खाली हाथ गये।तो अगर तुम्हें कभी भीतर का रस जन्मने लगे और भीतर स्वाद आने लगे..और देर नहीं लगती आने में, जरा भीतर मुड़ो कि वह सब मौजूद है.

Sunday 19 February 2017

Good bye CCE, PSA, OTBA and all innovations… Welcome Board Exams.

Good bye CCE, PSA, OTBA and all innovations… Welcome Board Exams.
And finally, CBSE bids goodbye to all innovations and experiments tried and tested during last 7 years. Now we are again in STAND AS IT IS state. Let us have an overview of these innovations and find why they failed or declared failed.

CCE: It stands for continuous and comprehensive Evaluation. The basic idea behind implementation of CCE was to focus on assessment of all round development of the child on regular basis. Single year-end exam cannot judge the performance of the child. So, there should be term exams, unit tests, formative assessments and each & every activity must be recorded in writing.

PSA: It stands for problem solving Ability test. The exam was not based on any text book or pre-defined syllabus. It was to test the ability to solve real life problems that the children used to face in their daily life. The idea was to make the child ready for life not for exams.

OTBA: It stands for open text based assessment. Some reading material is provided 3-4 months before exam and students had to answer some questions based on the text given. The questions were based on analytical and critical thinking. The idea was to discourage rote learning and help child to think and analyse the given facts.

Why CBSE rolled them back?

CCE was not implemented in true spirit. Most of the teachers were not trained. It increased paper work and record maintenance task for teachers. Their focus was shifted from teaching to testing and preparing report cards. Students were become lenient to hardship and project completion was become the target of the day.

As there were no external board exams and even in case of external exams the weightage was only 30%, the students were not much serious about it. Every third student was getting 8-10 CGPA but was not able to even pass the first term test in class 11 next year.

PSA was not part of recorded assessment in class 11 so no one was taking it seriously. It was an inter disciplinary exam not to test knowledge on books but real life problem solving ability. But most of the time, the question paper itself had very bookish questions with no real-life examples. In one sentence, it is failed just because of CBSE did not have experts to set good question papers for PSA.

Even in class 9, it was replacing one FA and the same was carried forward to class 10. CBSE had made it so technical that you may have to undergo 3 days training to understand how to record it.

OTBA was copied from foreign schools. No one thought about rich Indian culture and traditions where parents and relatives hang themselves over the windows of examination hall to pass chits to their hardworking family members or friends who is writing exam with the help of guides and keys inside the hall. CBSE says, Considering the modicum partial attainment of desired objectives of OTBA and also based on the feedback of stakeholders, the Board subsequent to the resolution passed in the Governing Body Meeting, has decided to withdraw the OTBA from the Scheme of Studies in Classes IX and XI from the Session 2017-18.

Next is what?

In 2017-18, there is No CCE, No SA-1 and SA-2, No FAs, No PSA, No OTBA. There will be one annual board exam for classes 6 to 12 same as our parents, grandparents and their parents gave when they were in schools. GOOD !! Now we can proudly say we have undergone same set of anxiety, tension, hard-work,  rest-less nights and so on as our parents claims during their exam days. No more taunting from parents as well.

Thank you CBSE !!

Friday 17 February 2017

We are only travelers here

*POOR JAYALALITHA*

And poor Jayalalitha departed. She could not take anything with her. The imperious Jayalalitha who ruled over Tamilnadu became just a memory. She became the permanent occupant of 6 feet of public land, not in any of the thousands of acres she owned! She was taken in a gun carriage though she had a good fleet of luxury cars and vehicles, leaving empty handed, and leaving everything earned through ulterior means for others.

- 1197 Acres in Tirunelveli, 200 Acres in Valajapetta, 100 Acres in Otthukkotta, 25 Acres in Shiruthavoor, 200 Acres and another farm of 100 Acres in Kancheepuram, Grape Garden of 14.5 Acres in Jeedimetla village in Ranga Reddy district in Telangana, Kodanad Tea Estate of 1600 Acres with Bunglows in Nilgiri.

Besides these, she had a massive 24,000 sqft residential property called Veda Nilayam in Poes Garden costing about Rs.100 Crores, four commercial buildings, including one each in Chennai and in Hyderabad. Other properties included 800 kg  silver, 28 kg  gold, 750 pairs of shoes, 10,500 sarees, 91 watches and other valuables, two Toyota Prado SUVs, a Tempo Traveller, a Tempo Trax, a Mahindra Jeep, an Ambassador car , a Mahindra Bolero, a Swaraj Mazda Maxi, and a  Contessa. The nine vehicles are worth around Rs 42,25,000. ( As on 1997)- not to speak on Benami properties held elsewhere or later additions.

This is the lesson for all human beings – when the call comes from above, you will not even have time to say bye to your near and dear ones. No one can help you, no one can save you – not the followers who were ready to do anything and even to give their lives, a battery of servants waiting for an instruction, or a battalion of officers ready to take orders, best hospitals, best medical brains from India and abroad – repeat no one. It is also a lesson that whatever one amasses arrogantly through good or bad means through deceit, giving pain to others, will have to be left behind.

Sometimes, even the offering of last drop of water or performance of last rites may not be by a blood relative as in her case.

*Realise that we are only travelers here and have to leave for the next destination. So give up ego or all that are related,  realise one’s own true self,  be a good human being showing empathy to fellow beings.*

गब्बरसिंह का चरित्र चित्रण

Exam Special

परीक्षा में गब्बरसिंह का चरित्र चित्रण करने के लिए कहा गया-
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दसवीं के एक छात्र ने लिखा-
.
1. सादगी भरा जीवन-
:- शहर की भीड़ से दूर जंगल में रहते थे,
एक ही कपड़े में कई दिन गुजारा करते थे,
खैनी के बड़े शौकीन थे.
.
2. अनुशासनप्रिय-
:- कालिया और उसके साथी को प्रोजेक्ट ठीक से न करने पर सीधा गोली मार दिये थे.
.
3.दयालु प्रकृति-
:- ठाकुर को कब्जे में लेने के बाद ठाकुर के सिर्फ हाथ काटकर छोड़ दिया था, चाहते तो गला भी काट सकते थे
.
4. नृत्य संगीत प्रेमी-
;- उनके मुख्यालय में नृत्य संगीत के कार्यक्रम चलते रहते थे..
'महबूबा महबूबा',
'जब तक है जां जाने जहां'.
बसंती को देखते ही परख गये थे कि कुशल नृत्यांगना है.
.
5. हास्य रस के प्रेमी-
:- कालिया और उसके साथियों को हंसा हंसा कर ही मारे थे. खुद भी ठहाका मारकर हंसते थे, वो इस युग के 'लाफिंग बुद्धा' थे.
.
6. नारी सम्मान-
:- बंसती के अपहरण के बाद सिर्फ उसका नृत्य देखने का अनुरोध किया था,
.
7. भिक्षुक जीवन-
:- उनके आदमी गुजारे के लिए बस सूखा अनाज मांगते थे,
कभी बिरयानी या चिकन टिक्का की मांग नहीं की.. .
.
8. समाज सेवक-
:- रात को बच्चों को सुलाने का काम भी करते थे ..

टीचर अब तक कोमा में है

Thursday 16 February 2017

थोडा  सा  हँस  लेते  है

कौन  किसी  से  क्या  लेता  है,
कौन  किसी  को  क्या  देता   है..

थोडा  सा  हँस  लेते  है ,
थोडा  सा  हँसा  देते  है
दोस्ती  मे  यही  तो  होता है
     *हँसना और हँसाना कोशिश*
                      है मेरी ,
          *हर कोई खुश रहे, यह चाहत*
                      है मेरी ,
           *भले ही मुझे कोई याद करे*
                 या ना करे ,
             *लेकिन हर अपने को याद*
          करना  आदत है  मेरी                         

Tuesday 14 February 2017

पुरूष वाकई महान होते हैं...

ज्यादातर पत्नियाँ अपने पति की बहनों को
प्यार से नहीं देखती,
.
.
.
जबकि सारे पति अपनी पत्नी की बहनों को
प्यार से ही देखते हैं...
.
.
पुरूष वाकई महान होते हैं.... बस कभी
अपनी महानता का ढिंढोरा नहीं पीटते...!

Best hindi filmi bhajans

BBC (बीबीसी) ने पुरी दुनिया में रहने वाले 30 लाख हिंदुओं पर एक सर्वे कराया था:-
*"हिंदुओं का सबसे प्रिय भजन कौन सा है?"*

इस सर्वे से जो परिणाम निकल कर सामने आया:

30 लाख हिंदुओं ने जिन 10 भजनों का चयन किया उनमें से ---
6 'शकील बदायुनी' के लिखे हुए हैं !

और 4 'साहिर लुधियानवी' के लिखे हुए हैं !

उन 10 के 10 भजनों में संगीत हैं 'नौशाद साहब' का !
उन सभी 10 भजनों को आवाज़ दिया हैं 'रफी साहब' ने !

ये 10 भजन 'महबूब अली खान' की फिल्मों में हैं.

और इन 10 भजनों पर अभिनय किया हैं 'यूसुफ खान' उर्फ दिलीप कुमार ने !

यह जानकारी वर्तमान समय में जरुरी थी क्योंकि चुनावों में साम्प्रदायिकता कि आग लगाकर भाईचारे को रौंदती धार्मिक उन्माद की हवा जो लोग आज चला रहे हैं उन्हें यह जानना चाहिए कि धर्मनिरपेक्षता की भावना भारतीयों के नस-नस में रची बसी है...

SOME OF THE TOP BHAJANS LISTED FOR THE SURVEY - ज़रा गौर फरमाइये -

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*मन तडपत हरि-दर्शन को आज*
गीतकार : शक़ील बदायुंनी
गायक : मोहम्मद रफी
संगीतकार : नौशाद
फिल्म : बैजू बावरा (1952).

*इंसाफ का मंदिर है, ये भगवान का घर है*
गायक -मोहम्मद रफी
संगीत : नौशाद
गीतकार : शकील बदायुंनी
फिल्म -अमर (1954).

*हे रोम रोम में बसने वाले राम*
गीतकार : साहिर लुधियानवी
गायक : आशा भोसले, रफी
फिल्म : नीलकमल (1968).

*जय रघुनन्दन जय सियाराम*
गायक: मोहम्मद रफ़ी
गीतकार: शक़ील बदायुंनी
फिल्म -घराना (1961).

*आना है तो आ राह में*
गीतकार - साहिर लुधियानवी
संगीत - ओ पी नय्यर, खैयाम साहब
गायक - मोहम्मद रफ़ी
फिल्म - नया दौर (1957).

*जान सके तो जान, तेरे मन में छुपे भगवान*
गीतकार - जांनिसार अख्तर
संगीत - ओ. पी. नय्यर
गायक - मोहम्मद रफी
फिल्म - उस्ताद (1957).

              
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दातन करे दिवालिया, कुल्ला करे कपुत,

दातन करे दिवालिया, कुल्ला करे कपुत,
सुबह उठता जर्दो दाबे, म्हारो बेटो सपुत।

आओ मर्दो , खाओ जर्दो,
थुक-थुक कर, घर को भर दो।

सभी नशेड़ी भाई -बहनो को निमंत्रण पत्र
किराणा व केबिन वालो की
असीम कृपा से श्रीमान नशा राम जी अपने कुपोत्र

      चि: गुटखाराम
      कुपुत्र :- श्री केंसर राम जी

       सौ.कां. बीङी देवी
    कुपुत्री :-  श्री  दमा राम जी

के संग अशुभ विवाह में पधार कर वर-वधु को नरक जाने का आर्शीवाद दिलावे

        बारात प्रस्थान: अनिश्चित

      बारात रवानगी: शमसान घाट के द्वार।

         प्रतिभोज: इन्जेक्शन, गुलकोज,गोली, केप्सुल।

  विवाह स्थल: जाना पहचाना रास्ता शमशान घाट

ननिहाल पक्ष:  पव्वाराम, अद्दाराम, बोतलराम, एंव समस्त थैली परिवार

विशेष प्राथी: रोगीली बाई

जँवाई पक्ष :-
चिलमभाई, हिरोईनभाई, भागं भाई, गांन्जा राम।
नोट :- बारात श्रीमान दमाराम जी दुखी नगर वालो के यहाँ  चार कन्धों पर जायेगी

स्थायी निवास स्थल: श्री कैन्सरराम जी पुत्र श्री नशोङी राम जी, कष्टनगर, शमशान घाट के सामने परलोक धाम ।
फोन न: -ooo173314 नही मिले तो रोता फिरो।

दर्शनाभिलाषी:- श्री खाँसी राम , टीबीराम, मलेरिया राम,  गैस मल एंव समस्त रोगी परिवार ।

मीठी  मनुहार:- सत्संग व गंगा प्रसादी में जलुल-जलुल पधार ज्यो सा - बेगम, नटखट, संजोग, इक्कीसौ, चेनीखेनी, जाफरी, पन्ना, मिराज।

नशा नास का नाम हैं ।
सभी भाईयाे से निवेदन है कि ये पत्रिका सभी मित्रों सम्बन्धियों तक पहुंचाना समय पर जरूरी समझना ।

वैलेंटाइन डे

वैलेंटाइन डे के 7 दिन पहले एक गिफ्ट शॉप पर वकील साहब गए ।

उन्होंने 40 खूबसूरत कार्ड ख़रीदे और सब पर उन्होंने भेजने वाले की जगह लिखा –

“हैल्लो जान !! पहचान गए ना ? शाम को मिलो, "आई लव यू ”।

दुकानदार ने पूछा: ये क्या मामला है ?

तो वकील साहब ने बताया – पिछले वैलेंटाइन डे पर आस पास की कालोनी में ऐसे ही 20 कार्ड भेजे थे। कुछ ही दिन में तलाक के चार केस मिल गए थे ।

इस बार 40 कार्ड भेज रहा हूँ।

धन्धे में सब जायज है।
क्यूँकि माँ कहती थी
"कोई भी धंधा छोटा नहीं होता
और धंधे से बड़ा कोई धर्म नहीं होता "

दुकानदार बेहोश

घर में होंगे पौबारें।

*उठियें*
जल्दी घर के सारें, घर में होंगे पौबारें।

*लगाइये*
सवेरे मंजन, रात को अंजन।

*कीजियें*
मालिश तीन बार, बुध, शुक्रवार और सोमवार।

*नहाइए*
पहले सिर, हाथ पाँव फिर।

*खाइयें*
दाल, रोटी, चटनी कितनी भी हो कमाई अपनी।

*पीजिये*
दूध खड़े होकर, दवा पानी बैठ कर।

*खिलाइये*
आयें को रोटी, चाहें पतली हो या मोटी।

*पिलाइए*
प्यासे को पानी, चाहे हो जावे कुछ हानि।

*छोडियें*
अमचूर की खटाई, रोज की मिठाई।

*करियें*
आयें का मान, जाते का सम्मान।

*सीखियें*
बड़ो की सीख और बुजुर्गों की रीत।

*जाईये*
दुःख में पहले, सुख में पीछे।

*देखियें*
माता की ममता, पत्नी का धर्म।

*ब्याहियें*
ऐसी नार से, जो घर में रहे प्यार से।

*परखिये*
चाहे सबको, छोड़ देना माता को।

*भगाइए*
मन के डर को, बुड्डे वर को।

*धोइये*
दिल की कालिख को, कुटुम्ब के दाग को।

*सोचिएं*
एकांत में, करो सबके सामने।

*बोलिएं*
कम से कम, कर दिखाओ ज्यादा।

*चलियें*
तो अगाड़ी, ध्यान रहे पिछाड़ी।

*सुनियें*
सबो की, करियें मन की।

*बोलियें*
जबाब संभल कर, थोडा बहुत पहचान कर।

*सुनियें*
पहले पराएं की, पीछे अपने की।

*रखियें*
याद कर्ज के चुकाने की, मर्ज के मिटाने की।

*भुलियें*
अपनी बडाई को और दूसरों की भलाई को।

*छिपाइएं*
उमर और कमाई चाहे पूछे सगा भाई।

*लिजियें*
जिम्मेदारी उतनी, सम्भाल सके जितनी।

*धरियें*
चीज जगह पर, जो मिल जावें वक्त पर।

*उठाइये*
सोते हुए को नहीं गिरकर गिरे हुयें को।

*लाइयें*
घर में चीज उतनी काम आवे जितनी।

*गाइये*
*सुख में राम को और दुःख मे सीताराम  को।*

Friday 10 February 2017

Interpretation of Karma and Bhagya

✍एक पान वाला था। जब भी पान खाने जाओ ऐसा लगता कि वह हमारा ही रास्ता देख रहा हो। हर विषय पर बात करने में उसे बड़ा मज़ा आता। कई बार उसे कहा कि भाई देर हो जाती है जल्दी पान लगा दिया करो पर उसकी बात ख़त्म ही नहीं होती।
एक दिन अचानक कर्म और भाग्य पर बात शुरू हो गई।
तक़दीर और तदबीर की बात सुन मैंने सोचा कि चलो आज उसकी फ़िलासफ़ी देख ही लेते हैं। मैंने एक सवाल उछाल दिया।
मेरा सवाल था कि आदमी मेहनत से आगे बढ़ता है या भाग्य से?
और उसके जवाब से मेरे दिमाग़ के सारे जाले ही साफ़ हो गए।
कहने लगा,आपका किसी बैंक में लॉकर तो होगा?
उसकी चाभियाँ ही इस सवाल का जवाब है। हर लॉकर की दो चाभियाँ होती हैं।
एक आप के पास होती है और एक मैनेजर के पास।
आप के पास जो चाभी है वह है परिश्रम और मैनेजर के पास वाली भाग्य।
जब तक दोनों नहीं लगतीं ताला नहीं खुल सकता।
आप कर्मयोगी पुरुष हैं और मैनेजर भगवान।
अाप को अपनी चाभी भी लगाते रहना चाहिये।पता नहीं ऊपर वाला कब अपनी चाभी लगा दे। कहीं ऐसा न हो कि भगवान अपनी भाग्यवाली चाभी लगा रहा हो और हम परिश्रम वाली चाभी न लगा पायें और ताला खुलने से रह जाये ।

_*This is a beautiful interpretation of Karma and Bhagya*_

Rscit एग्जाम 5 फरवरी 2017 Answer key

*Rscit एग्जाम 5 फरवरी 2017*
           *Answer key*

Q1. एम एस पावर प्वाइंट में हम....... टैब का उपयोग करके स्लाइड शो के दौरान एक स्लाइड से दूसरी पर स्थानांतरित करने की गति को नियंत्रित कर सकते हैं
Ans- ट्रांजीशन
Q2. कच्चे तथ्यों जैसे कि अक्षर, शब्दों और ध्वनियों को कहा जाता है
Ans- डेटा
3. निम्न से एक नई प्रस्तुति (presentation)को बनाया जा सकता है
Ans- उपरोक्त सभी से, रिक्त प्रस्तुति से, मौजूदा प्रस्तुति से, डिजाइन टेंपलेट से।
Q4. आप जब अधूरा ईमेल बंद करते हैं तो इन मेल आमतौर पर.... में सेव होता है
Ans- ड्राफ्ट
Q5. अंडू ऑपरेशन के लिए कीबोर्ड शॉर्टकट है
Ans- Ctrl+Z
Q6....... को आमतौर पर इंटरनेट पर यातायात निर्देशन में कार्य करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है
Ans- रूटर
Q7. Windows 10 में विंडोज डिफेंडर क्या है
Ans- रियल टाइम एंटीवायरस
Q8. एम एस वर्ड में .......बार पर दस्तावेज का नाम दिखाता है
Ans- टाइटल
Q9. निम्न में से संवर्धित वास्तविकता का उदाहरण है
Ans-google ग्लास
Q10. ......डिस्क पर एक नामित स्थान है जहां फाइल संग्रहित कर सकते हैं
Ans-फोल्डर
Q11. इनमें से पेन ड्राइव की विशेषता नहीं है
Ans- यह ऑप्टिकल ड्राइव का एक उदाहरण है
Q12. वेब पेज देखने के लिए, उपयोग करता को वेबसाइट पता दर्ज करना होता है जिसे कहते हैं
Ans- यूनिफार्म रिसोर्स लोकेटर
Q13. आप अपने विंडोज 10 डिवाइस को .....पर क्लिक करके स्लिप मोड या शटडाउन या रीस्टार्ट कर सकते हैं
Ans-पावर बटन
14. सही विकल्प चुने:-
१. इंट्रानेट वैश्विक वर्ल्ड वाइड वेब है।
२. इंटरनेट एक निजी नेटवर्क है
Ans- वक्तव्य एक और वक्तव्य दो दोनों गलत है।
Q15. ईमेल से तात्पर्य है
Ans-इलेक्ट्रॉनिक  मेल
Q16. किस प्रकार का दुर्भावनापूर्ण अटैक किसी तरीके से मूल संदेश को संशोधित करता है
Ans- एक्टिवेट अटैक
17. वाईमैक्स(wiMAX) का पूर्ण नाम है
Ans- वर्ल्ड वाइड इंटरऑपरेबिलिटी फोर माइक्रोवेव एक्सेस
Q18. किसी एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को आमतौर पर pdf फाइल देखने के लिए प्रयोग किया जाता है
Ans- adobe reader
Q19. सबसे उपयुक्त सही विकल्प चुने:-
A. कैप्स लॉक, नेम लॉक और स्क्रीन लॉक टोगल कुंजी है।
B. Ctrl और Alt कुंजी का संयोजन कुंजी है।
Ans- दोनों विकल्प ए और बी सही है
Q20. एम एस एक्सेल में छोटे चार्ट्स एक सेल में एंबेडेड होते हैं जो की दृश्य प्रवत्ति सांराश देने के साथ-साथ डेटा को भी दर्शाते हैं
Ans- स्पार्क लाइन्स
Q21. एम एस वर्ड में........ विकल्प पेज की सामग्री के पीछे फीकी पाठ सम्मिलित करने के लिए प्रयोग किया जाता है
Ans-वाटरमार्क
Q22......... छोटे चित्र है जो की फाइल फोल्डर और कार्यक्रमों का प्रतिनिधित्व करते हैं
Ans-आईकन
Q23. कौन सी कीबोर्ड शॉर्टकट को चयनित आइटम का नाम बदलने के लिए प्रयोग किया जाता है
Ans- F2
Q24. एम एस पावर पॉइंट में स्लाइड शो के लिए शॉर्टकट कुंजी किया है
Ans-F5
Q25. पैराग्राफ को दाएं बाएं या दोनों मार्जिन्स से दूर ले जाने को ......से संदर्भित करते हैं
Ans-इन्डेन्टिगं
Q26. फ्लो चार्ट्स योजना बनाने का एक उपकरण है यह आमतौर पर निम्न का प्रतिनिधित्व करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं
A. एल्गोरिथ्म का
B. कदम-दर-कदम प्रक्रिया का
C. किसी भी तर्क का
D. उपरोक्त सभी

Ans- उपरोक्त सभी
Q27. स्मृति स्थान से डेटा कॉपी करने की प्रक्रिया को कहा जाता है
Ans-बर्निग
Q28. निन्नलिखित में से कौन सा dbms का लाभ नहीं है
Ans- डेटा निर्भरता
Q29. एक लाइट सेंसिंग डिवाइस जो कि प्रिंटेड टेक्स्ट तथा ग्राफिक्स को पढ़कर उसे ऐसे रूप में बदलता है जिसे कंप्यूटर द्वारा प्रोसेस किया जा सके उसे कहते हैं
Ans- बार कोड स्केनर
Q30. एम एस एक्सेल चार्ट में डेटा बिंदु के वास्तविक मूल्य को........ कहा जाता है
Ans-डेटा लेबल्स
Q31. ......Windows में उपलब्ध एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर है जो चित्र को बनाने या संपादन करने में उपयोग आता है
Ans- पेंट
Q32......... आमतौर पर एक चर्चा या सूचनात्मक वेबसाइट होती है जो कि असतत प्रविष्टियां जिन्हें पोस्ट कहते हैं से मिलकर बनी होती है
Ans- ब्लोग्स
Q33. उपयोगकर्ता को नजर समायोजित करने और कंप्यूटर के महसूस (जैसे डेक्सटॉप बैकग्राउंड, थीम इत्यादि )करने के लिए कौन सा विकल्प अनुमति देता है
Ans- अपीयरेंस और पर्सनलाइजेशन

Q34. अगर सिस्टम का तारीख और समय गलत है आप इसे किस के उपयोग से सही कर सकते हैं
Ans- कैलेंडर
Q35. उच्चतम विश्वशनीय टोपोलॉजी है
Ans-मेष टोपोलॉजी

☝यह key केवल कोचिंग संस्थान द्वारा जारी की गयी हैFinal key *vmou कोटा*द्वारा जारी की जाएगी वही वेलिड कुंजी होगी