Monday 22 January 2018

अमरुद की पत्तियों के आश्चर्यजनक लाभ

●अमरुद की पत्तियों के आश्चर्यजनक लाभ●
अमरुद के फल ही नहीं पत्तियों में भी स्वास्थ्य के लिए विशेष गुण हैं, जानिये
अमरुद की पत्तियों की चाय भोजन को शर्करा बनाने से रोकती हैं, इस कारण मधुमेह रोगियों के लिए अमरुद के पत्तों की चाय लाभदायक है।
एच.डी.एल. में परिवर्तन किये बिना अमरुद के पत्तों की चाय खराब कोलेस्ट्रोल (एल.डी.एल) कम करती है।
अमरुद पत्तियों की चाय में रोगाणुरोधी गुण होने से अतिसार, दस्त और पेचिश एवं पेट के रोगों में लाभदायक है।
अमरुद के पत्तियों की चाय विषाक्त भोजन की स्थिति में भी लाभदायक है।
श्वास नाली के रोगों और खांसी में अमरुद पत्तों की चाय लाभदायक है।
दन्त रोगों और मसूड़ों की समस्या में अमरुद की पत्तियां चबाना लाभदायक है।
अमरुद की 9 पत्तियों को 5 कप जल में जल के आधा रहने तक पका काढ़ा डेंगू रोग में लाभदायक है।
बढे प्रोस्टेट और कैंसर में भी अमरुद के पत्तों की चाय लाभदायक है।
कुचली अमरुद की पत्तियां छोटे काटने के ज़ख्म और रगड़ पर लगाने से संक्रमण से बचाता है।
कान के बाहरी भाग में संक्रमण होने पर अमरुद के पत्तों की चाय को ठन्डे होने पर संक्रमित भाग को धोएं।
एलर्जी और कीड़े-मकोड़े से काटे स्थान पर कुचले अमरुद के पत्तों को लगाने से लाभ होता है।
चेहरे की झुर्रियों, मुहासों और मस्सों पर अमरुद के पत्तों को थोड़े जल में पीस कर लगाने से लाभ होता है।
अमरुद के पत्तों की चाय को ठंडा कर बाल धोने से बाल गिरना बंद होता है।

FINANCIAL TIPS FOR 2018

FINANCIAL TIPS FOR 2018
1 Avoid buying property on Loans as it eats most of your earnings unless you have a clear plan for its repayment.It's important to monitor cash flow.Though,the house will be your asset,your liability will be much more

2 Start a SIP at a very young age.Try to save atleast 15–25 % of your earnings

3 Avoid buying a car unless you use it everyday

4 Do not let this sentence scare you.Mutual fund investments are subject to market risks.Please read the offer documents carefully before investing.Most people avoid investing in Mutual Funds just because of this one warning. Yes, there is a market risk,but look at the history and growth of Mutual Funds

5 Try having a simple wedding

6 Atleast 20% of your wealth should be liquid so you can utilize it when necessary

7 Considering inflation, you are actually losing money if it is in the Savings Bank Account.Do not keep huge money in your Savings Bank Account

8 If you invest in stocks,pay due attention

9 If you invest in stocks have a separate account for delivery investment and Intraday investment.It is easy to monitor this way and also makes tax calculation easy

10 Do not have a belief that property and car make you rich.It's what you save and invest,that is important

11 Never invest in Insurance for returns. Insurance is not an investment option.It is a risk management tool

12 Never use Credit Cards for lavish spending.Use Credit Cards intelligently and for needs not for wants

13 Cancel all Credit Cards before you die.Or inform the family about all your Accounts,Credit Cards,Loans and Savings,now itself.Even a small residue will cost your family much

14 Invest on yourself and then on other investments

15 Always try to balance your earnings with your savings first,then on  spending and loans.Never take unnecessary Loans.Always have reserves and utilize them and unless no other go,never take loans

16 Always have a plan for future events on your career, life, spending and finance

17 Always have a reserve on your savings for contingency and urgent situations

18 Your personal life and health are the most important investment.Do have a regular health check and do healthy workout every day.Stay healthy and live happily

19 Always remember death can come anytime ..... so please do buy adequate Term Insurance if you have dependents

20 Must Prepare a Will.It may avoid unnecessary fights after you die

Sunday 7 January 2018

चावल खाएं सेहत पाएं वजन घटाएं

चावल खाएं सेहत पाएं वजन घटाएं

हम पूजा में भगवान को अक्षत चढ़ाते हैं
6 माह के बच्चे को सबसे पहले अन्न में चावल दिया जाता है
हम बीमार होने पर चावल या खिचड़ी खाते हैं
हम बुजुर्गों को चावल या खिचड़ी खिलाते हैं
यहां तक कि हम पिंडदान भी चावल का करते हैं l

क्योंकि वास्तव में चावल सेहत देता है

चावल में फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, एसेंशियल अमीनो एसिड, विटामिंस एवं मिनरल्स प्रचुर मात्रा में होते हैं l

पके हुए चावल में स्टार्च 10% से भी कम रह जाता है ।

चावल ही ऐसा अन्न है जिसे पकाने में सबसे ज्यादा पानी की आवश्यकता होती है इसलिए चावल खाने पर पेट जल्दी भरता है।

चावल से आंतों मे अच्छे बैक्टीरिया पनपते हैं जो पाचनतंत्र मजबूत करते हैं ।

चावल का प्रोटीन शाकाहारी लोगों के लिए  सर्वोत्तम प्रोटीन होता है जो कि बेहद सुपाच्य होता है ।

चावल में शरीर के लिए अति आवश्यक अमीनो एसिड जैसे कि lysine, methionine, branched chain amino acids, tryptophan इत्यादि होते हैं l

Lysine, ग्रोथ हार्मोन बनाने में मदद करता है जो कि हमारे शरीर की ग्रोथ और रिपेयर के लिए आवश्यक होता है l गहरी नींद में ग्रोथ हार्मोन का लेवल ज्यादा होता है और शरीर की कोशिकाओं, हड्डियों, मांसपेशियों एवं skin की रिपेयरिंग करता है l जिससे यह सभी अंग मजबूत बनते हैं l बाल मजबूत होते हैं और चेहरे पर झुर्रियां नहीं आती हैं l

Tryptophan amino acid, सिरोटोनिन नामक हार्मोन बनाता है जो कि अनिद्रा एवं डिप्रेशन की समस्या मे लाभदायक होता है l इसलिए रात के भोजन में चावल खाना ज्यादा लाभकारी होता हैl

Methionine amino acid, कॉलेजन फाइबर बनाता है जो स्किन और bones आदि को रिपेयर करके मजबूत बनाता है एवं methionine से एक प्रभावशाली एंटीआक्सीडेंट ग्लूटाथिओन (glutathione) बनता है जो शरीर से टॉक्सिन  निकालकर हमें बीमारियों से बचाता है और यंग रखता हैl

Branched chain amino acids भी चावल में प्रचुर मात्रा में होते हैं जोकि मांसपेशियों को मजबूत करते हैं और चर्बी घटाते हैं। branched chain amino acids को जिम जाने वाले, सेहत के प्रति सजग लोग सप्लीमेंट के रूप में लेते हैं ।

चावल में मौजूद फाइबर कब्जी की समस्या से मुक्ति दिलाते हैंl

चावल को दालें, दही या सब्जियों के साथ मिलाने पर एवं ऊपर से घी डालकर खाने से उसकी ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI)कम हो जाती है जिससे ब्लड में शुगर धीरे-धीरे निकलती है जो कि केवल डायबिटीज के मरीजों के लिए ही नहीं बल्कि सभी व्यक्तियो के लिए बेहद लाभकारी होता है एवं बीमारियों से बचाए रखता है ।

चावल किसी ब्रांड के ना लाकर लोकल ही लाने चाहिए । लोकल खाद्य पदार्थो में मौजूद बैक्टीरिया हमारे शरीर के बैक्टीरिया के समान होने से एलर्जी की संभावना नहीं होती है ।

चावल डबल पॉलिश के नहीं लाने चाहिए बल्कि सिंगल पॉलिश या hand pounded लाने चाहिए । क्योंकि double polish में चावल के सभी फाइबर नष्ट हो जाते हैं ।

ब्राउन राइस नहीं खाना चाहिए क्योंकि वह पाचन की दृष्टि से भारी होते हैं एवं उनमें मौजूद अत्यधिक फाइबर अन्य पोषक तत्वों के अवशोषण में अवरोध पैदा करते हैं ।

साधारण व्यक्ति, डायबिटीज से ग्रसित व्यक्ति, मोटापा या हाई ब्लड प्रेशर या दिल की बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति एवं सभी व्यक्ति दिन में 3 बार आराम से चावल उसी प्रकार खा सकते हैं जैसे वे गेहूं या अन्य अनाज खा सकते हैं।

चावल को बदनाम करने के पीछे फ़ूड इंडस्ट्री की महत्वकांक्षाओं भरी साजिश है क्योंकि यदि गेहूं और चावल को बदनाम न किया जाता तो पैकेट में आने वाले हाई फाइबर ओट्स, कॉर्नफ्लेक्स मल्टीग्रेन आटा, मल्टीग्रेन बिस्किट, लो कैलोरी, लो कोलेस्ट्रॉल, ट्रांस फैट फ्री फूड प्रोडक्ट्स इत्यादि घर घर कैसे पहुंचाए जाते क्योंकि चावल और गेहूं भारत में प्रधान अनाजों के रुप में खाए जाते थे ।

तुलसी पूजन दिवस 25 दिसम्बर

आओ मनाएं "तुलसी पूजन दिवस" 25 दिसम्बर 2017....!!
सुख-शांति, समृद्धि व आरोग्य प्रदायिनी तुलसी तुलसी का स्थान भारतीय संस्कृति में पवित्र और महत्त्वपूर्ण है।
यह माँ के समान सभी प्रकार से हमारा रक्षण व पोषण करती है।
तुलसी पूजन, सेवन व रोपण से आरोग्य-लाभ, आर्थिक लाभ के साथ ही आध्यात्मिक लाभ भी होते हैं।
स्कंद पुराण के अनुसार ‘जिस घर में प्रतिदिन तुलसी-पूजा होती है उसमें यमदूत प्रवेश नहीं करते।
घर मे तुलसी की उपस्थिति मात्र से हलके स्पंदनों, नकारात्मक शक्तियों एवं दुष्ट विचारों से रक्षा होती है।
गरुड पुराण के अनुसार ‘तुलसी का वृक्ष लगाने, पालन करने, सींचने तथा ध्यान, स्पर्श और गुणगान करने से पूर्व जन्मार्जित पाप जलकर विनष्ट हो जाते हैं।

आओ मनाएं "तुलसी पूजन दिवस" 25 दिसम्बर 2017

जनेऊ और इसकी महत्वता

जनेऊ और इसकी महत्वता

*भए कुमार जबहिं सब भ्राता। दीन्ह जनेऊ गुरु पितु माता॥

जनेऊ क्या है : आपने देखा होगा कि बहुत से लोग बाएं कांधे से दाएं बाजू की ओर एक कच्चा धागा लपेटे रहते हैं। इस धागे को जनेऊ कहते हैं। जनेऊ तीन धागों वाला एक सूत्र होता है। जनेऊ को संस्कृत भाषा में ‘यज्ञोपवीत’ कहा जाता है।

यह सूत से बना पवित्र धागा होता है, जिसे व्यक्ति बाएं कंधे के ऊपर तथा दाईं भुजा के नीचे पहनता है। अर्थात इसे गले में इस तरह डाला जाता है कि वह बाएं कंधे के ऊपर रहे।

तीन सूत्र क्यों : जनेऊ में मुख्यरूप से तीन धागे होते हैं। यह तीन सूत्र देवऋण, पितृऋण और ऋषिऋण के प्रतीक होते हैं और  यह सत्व, रज और तम का प्रतीक है। यह गायत्री मंत्र के तीन चरणों का प्रतीक है।यह तीन आश्रमों का प्रतीक है। संन्यास आश्रम में यज्ञोपवीत को उतार दिया जाता है।

नौ तार : यज्ञोपवीत के एक-एक तार में तीन-तीन तार होते हैं। इस तरह कुल तारों की संख्या नौ होती है। एक मुख, दो नासिका, दो आंख, दो कान, मल और मूत्र के दो द्वारा मिलाकर कुल नौ होते हैं।

पांच गांठ : यज्ञोपवीत में पांच गांठ लगाई जाती है जो ब्रह्म, धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का प्रतीक है। यह पांच यज्ञों, पांच ज्ञानेद्रियों और पंच कर्मों का भी प्रतीक भी है।

वैदिक धर्म में प्रत्येक  आर्य का कर्तव्य है जनेऊ पहनना और उसके नियमों का पालन करना। प्रत्येक  आर्य को जनेऊ पहन सकता है बशर्ते कि वह उसके नियमों का पालन करे।

जनेऊ की लंबाई : यज्ञोपवीत की लंबाई 96 अंगुल होती है। इसका अभिप्राय यह है कि जनेऊ धारण करने वाले को 64 कलाओं और 32 विद्याओं को सीखने का प्रयास करना चाहिए।

चार वेद, चार उपवेद, छह अंग, छह दर्शन, तीन सूत्रग्रंथ, नौ अरण्यक मिलाकर कुल 32 विद्याएं होती है। 64 कलाओं में जैसे- वास्तु निर्माण, व्यंजन कला, चित्रकारी, साहित्य कला, दस्तकारी, भाषा, यंत्र निर्माण, सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, दस्तकारी, आभूषण निर्माण, कृषि ज्ञान आदि।

जनेऊ के नियम :
1.यज्ञोपवीत को मल-मूत्र विसर्जन के पूर्व दाहिने कान पर चढ़ा लेना चाहिए और हाथ स्वच्छ करके ही उतारना चाहिए। इसका स्थूल भाव यह है कि यज्ञोपवीत कमर से ऊंचा हो जाए और अपवित्र न हो। अपने व्रतशीलता के संकल्प का ध्यान इसी बहाने बार-बार किया जाए।

2.यज्ञोपवीत का कोई तार टूट जाए या 6 माह से अधिक समय हो जाए, तो बदल देना चाहिए। खंडित यज्ञोपवीत शरीर पर नहीं रखते। धागे कच्चे और गंदे होने लगें, तो पहले ही बदल देना उचित है।

4.यज्ञोपवीत शरीर से बाहर नहीं निकाला जाता। साफ करने के लिए उसे कण्ठ में पहने रहकर ही घुमाकर धो लेते हैं। भूल से उतर जाए, तो प्रायश्चित करें ।

5.मर्यादा बनाये रखने के लिए उसमें चाबी के गुच्छे आदि न बांधें। इसके लिए भिन्न व्यवस्था रखें। बालक जब इन नियमों के पालन करने योग्य हो जाएं, तभी उनका यज्ञोपवीत करना चाहिए।

* चिकित्सा विज्ञान के अनुसार दाएं कान की नस अंडकोष और गुप्तेन्द्रियों से जुड़ी होती है। मूत्र विसर्जन के समय दाएं कान पर जनेऊ लपेटने से शुक्राणुओं की रक्षा होती है।

*वैज्ञानिकों अनुसार बार-बार बुरे स्वप्न आने की स्थिति में जनेऊ धारण करने से इस समस्या से मुक्ति मिल जाती है।*

*कान में जनेऊ लपेटने से मनुष्य में सूर्य नाड़ी का जाग्रण होता है।*

* कान पर जनेऊ लपेटने से पेट संबंधी रोग एवं रक्तचाप की समस्या से भी बचाव होता है।

* माना जाता है कि शरीर के पृष्ठभाग में पीठ पर जाने वाली एक प्राकृतिक रेखा है जो विद्युत प्रवाह की तरह काम करती है। यह रेखा दाएं कंधे से लेकर कमर तक स्थित है।
जनेऊ धारण करने से विद्युत प्रवाह नियंत्रित रहता है जिससे काम-क्रोध पर नियंत्रण रखने में आसानी होती है।

* जनेऊ से पवित्रता का अहसास होता है। यह मन को बुरे कार्यों से बचाती है। कंधे पर जनेऊ है, इसका मात्र अहसास होने से ही मनुष्य भ्रष्टाचार से दूर रहने लगता है।