Monday, 7 November 2016

Motivational story :-

Motivational story :-

एक दिन एक किसान का बैल कुएँ में गिर गया।
वह बैल घंटों ज़ोर -ज़ोर से रोता रहा और किसान सुनता रहा और विचार करता रहा कि उसे क्या करना चाहिऐ और क्या नहीं।
अंततः उसने निर्णय लिया कि चूंकि बैल काफी बूढा हो चूका था अतः उसे बचाने से कोई लाभ होने वाला नहीं था और इसलिए उसे कुएँ में ही दफना देना चाहिऐ।। 
किसान ने अपने सभी पड़ोसियों को मदद के लिए बुलाया सभी ने एक-एक फावड़ा पकड़ा और कुएँ में मिट्टी डालनी शुरू कर दी।
जैसे ही बैल कि समझ में आया कि यह क्या हो रहा है वह और ज़ोर-ज़ोर से चीख़ चीख़ कर रोने लगा और फिर ,अचानक वह आश्चर्यजनक रुप से शांत हो गया। 
सब लोग चुपचाप कुएँ में मिट्टी डालते रहे तभी किसान ने कुएँ में झाँका तो वह आश्चर्य से सन्न रह गया..
अपनी पीठ पर पड़ने वाले हर फावड़े की मिट्टी के साथ वह बैल एक आश्चर्यजनक हरकत कर रहा था वह हिल-हिल कर उस मिट्टी को नीचे गिरा देता था और फिर एक कदम बढ़ाकर उस पर चढ़ जाता था। 
जैसे-जैसे किसान तथा उसके पड़ोसी उस पर फावड़ों से मिट्टी गिराते वैसे -वैसे वह हिल-हिल कर उस मिट्टी को गिरा देता और एक सीढी ऊपर चढ़ आता जल्दी ही सबको आश्चर्यचकित करते हुए वह बैल कुएँ के किनारे पर पहुंच गया और फिर कूदकर बाहर भाग गया ।  
ध्यान रखे आपके जीवन में भी बहुत तरह से मिट्टी फेंकी जायेगी बहुत तरह की गंदगी आप पर गिरेगी जैसे कि , 
आपको आगे बढ़ने से रोकने के लिए कोई बेकार में ही आपकी आलोचना करेगा
कोई आपकी सफलता से ईर्ष्या के कारण आपको बेकार में ही भला बुरा कहेगा  
कोई आपसे आगे निकलने के लिए ऐसे रास्ते अपनाता हुआ दिखेगा जो आपके आदर्शों के विरुद्ध होंगे...
ऐसे में आपको हतोत्साहित हो कर कुएँ में ही नहीं पड़े रहना है बल्कि साहस के साथ हर तरह की गंदगी को गिरा देना है और उससे सीख ले कर उसे सीढ़ी बनाकर बिना अपने आदर्शों का त्याग किये अपने कदमों को आगे बढ़ाते जाना है।
सकारात्मक रहे.. सकारात्मक जिए!
इस संसार में....
      सबसे बड़ी सम्पत्ति *"बुद्धि "*
      सबसे अच्छा हथियार *"धैर्य"*
      सबसे अच्छी सुरक्षा *"विश्वास"*
      सबसे बढ़िया दवा *"हँसी"* है
और आश्चर्य की बात कि *"ये सब निशुल्क हैं "*
सदा मुस्कुराते रहें। सदा आगे बढ़ते रहें!

Machli jall ki Rani hai iska new version

Machli jall ki Rani hai iska new version

Patni Ghar kiRani hai
Karti apni manmani hai
Kaam batao to chid jayegi
Shopping karao tokhill jayegi

A rare conversation between Buddha & Bhikku Ananda....

A rare conversation between Buddha & Bhikku Ananda....

it's one of the best messages I have come across...
1. Anand :- I can’t find free time. Life has become hectic.
Buddha:- Activity gets you busy. But productivity gets you free.
2. Anand :- Why has life become complicated now?
Buddha :- Stop analyzing life... It makes it complicated. Just live it.
3. Anand :- Why are we then constantly unhappy?
Buddha :- Worrying has become your habit. That’s why you are not happy.
4. Anand :- Why do good people always suffer?
Buddha :- Diamond cannot be polished without friction. Gold cannot be purified without fire. Good people go through trials, but don’t suffer.
With that experience their life becomes better, not bitter.
5. Anand :- You mean to say such experience is useful?
Buddha :- Yes. In every term, Experience is a hard teacher. She gives the test first and the lessons later.
6. Anand :- Because of so many problems, we don’t know where we are heading…
Buddha:- If you look outside you will not know where you are heading. Look inside. Eyes provide sight. Heart provides the way.
7. Anand :- Does failure hurt more than moving in the right direction?
Buddha:- Success is a measure as decided by others. Satisfaction is a measure as decided by you.
8. Anand :- In tough times, how do you stay motivated?
Buddha :- Always look at how far you have come rather than how far you have to go. Always count your blessing, not what you are missing.
9. Anand :- What surprises you about people?
Buddha :- When they suffer they ask, "why me?" When they prosper, they never ask "Why me?"
10. Anand :- How can I get the best out of life?
Buddha:- Face your past without regret. Handle your present with confidence. Prepare for the future without fear.
11. Anand :- One last question. Sometimes I feel my prayers are not answered.
Buddha:- There are no unanswered prayers. Keep the faith and drop the fear. Life is a mystery to solve, not a problem to resolve. Trust me. Life is wonderful if you know how to live.

Motivational story :-

Motivational story :-

एक दिन एक किसान का बैल कुएँ में गिर गया।
वह बैल घंटों ज़ोर -ज़ोर से रोता रहा और किसान सुनता रहा और विचार करता रहा कि उसे क्या करना चाहिऐ और क्या नहीं।
अंततः उसने निर्णय लिया कि चूंकि बैल काफी बूढा हो चूका था अतः उसे बचाने से कोई लाभ होने वाला नहीं था और इसलिए उसे कुएँ में ही दफना देना चाहिऐ।। 
किसान ने अपने सभी पड़ोसियों को मदद के लिए बुलाया सभी ने एक-एक फावड़ा पकड़ा और कुएँ में मिट्टी डालनी शुरू कर दी।
जैसे ही बैल कि समझ में आया कि यह क्या हो रहा है वह और ज़ोर-ज़ोर से चीख़ चीख़ कर रोने लगा और फिर ,अचानक वह आश्चर्यजनक रुप से शांत हो गया। 
सब लोग चुपचाप कुएँ में मिट्टी डालते रहे तभी किसान ने कुएँ में झाँका तो वह आश्चर्य से सन्न रह गया..
अपनी पीठ पर पड़ने वाले हर फावड़े की मिट्टी के साथ वह बैल एक आश्चर्यजनक हरकत कर रहा था वह हिल-हिल कर उस मिट्टी को नीचे गिरा देता था और फिर एक कदम बढ़ाकर उस पर चढ़ जाता था। 
जैसे-जैसे किसान तथा उसके पड़ोसी उस पर फावड़ों से मिट्टी गिराते वैसे -वैसे वह हिल-हिल कर उस मिट्टी को गिरा देता और एक सीढी ऊपर चढ़ आता जल्दी ही सबको आश्चर्यचकित करते हुए वह बैल कुएँ के किनारे पर पहुंच गया और फिर कूदकर बाहर भाग गया ।  
ध्यान रखे आपके जीवन में भी बहुत तरह से मिट्टी फेंकी जायेगी बहुत तरह की गंदगी आप पर गिरेगी जैसे कि , 
आपको आगे बढ़ने से रोकने के लिए कोई बेकार में ही आपकी आलोचना करेगा
कोई आपकी सफलता से ईर्ष्या के कारण आपको बेकार में ही भला बुरा कहेगा  
कोई आपसे आगे निकलने के लिए ऐसे रास्ते अपनाता हुआ दिखेगा जो आपके आदर्शों के विरुद्ध होंगे...
ऐसे में आपको हतोत्साहित हो कर कुएँ में ही नहीं पड़े रहना है बल्कि साहस के साथ हर तरह की गंदगी को गिरा देना है और उससे सीख ले कर उसे सीढ़ी बनाकर बिना अपने आदर्शों का त्याग किये अपने कदमों को आगे बढ़ाते जाना है।
सकारात्मक रहे.. सकारात्मक जिए!
इस संसार में....
      सबसे बड़ी सम्पत्ति *"बुद्धि "*
      सबसे अच्छा हथियार *"धैर्य"*
      सबसे अच्छी सुरक्षा *"विश्वास"*
      सबसे बढ़िया दवा *"हँसी"* है
और आश्चर्य की बात कि *"ये सब निशुल्क हैं "*
सदा मुस्कुराते रहें। सदा आगे बढ़ते रहें!

Exam anthem

*Exam anthem*
Hum honge sabme pass
Hum honge sabme pass
Hum honge sabme pass
1 dinnnnnnn.....
Ho ho ho....
Sote hai bindaas
Likhte hai bakwaas,
Fir bhi hai vishwaas
Marks milenge jhakaas...
1 din 

*EXAM PLEDGE*
"Kitni shiddat se maine book uthaane ki kosis ki hai... . . . ki har panne ne mujhe sulaane ki saajis ki hai.. . . . kehte hai agar kisi chapter ko dil se samajhnaa chaho.. to poori kaayanaat hame usme confuje karne me jut jaati hai... . . par padhna padta hai...
Qki......
Qki.. "Exam abhi Baaki he mere dost"...

*EXAM MOTTO*
Lamha lamha waqt gujar jaayega, oct. me  tera exam paper aajaayega

Thoda padhaayi karle betaa, tu koi Ranchod Das nahi jo ALL IZ WELL bolke first aajaayega
..........
      Send this to Every student    
             Every friend.....
  To encourage him/her for      
                   Eggjams

एक लॉजिक ..

एक लॉजिक ..

महात्मा गांधी जी अपने पिता की चौथी पत्नी के बेटे थे।
बाबा साहब के पिता जी सूबेदार थे पिता की चौदवी संतान थे।
रविन्द्र नाथ टैगोर भी चौदवी संतान थे
सुभाष चंद्र बोस भी पिता की 14 संतानो में से नवे नंबर पर थे।
Swaami विवेकानंद पिता की 10 संतानो में से छठवे नंबर पर थे।
कमबख्त जब से हम दो हमारे दो वाला चक्कर आया है। महापुरुष पैदा ही नहीं हो पा रहे है।

ज़िन्दगी


*"ज़िन्दगी" बदलने के लिए*
*लड़ना पड़ता है..! और*
*आसान करने के लिए*
*समझना पड़ता है..!*
*वक़्त आपका है, चाहो तो सोना बना लो और चाहो तो सोने में गुज़ार दो..!*
*अगर कुछ अलग करना है तो भीड़ से हटकर चलो..!*
*भीड़ साहस तो देती है पर*
*पहचान छीन लेती है...!*
*मंज़िल ना मिले तब तक हिम्मत मत* *हारो और ना ही ठहरो.... क्योंकी*,
*पहाड़ से निकलने वाली नदियों ने* *आज तक रास्ते में किसीसे नहीं पूछा... "समन्दर कितना दूर है*.."!

Saturday, 5 November 2016

तालाब


*तालाब* सदा *कुँऐ* से सैंकड़ों गुना *बड़ा* होता है
  फिर भी लोग *कुँऐ* का ही *पानी पीते* हैं.,
क्योंकि कुँऐ में *गहराई* और *शुद्धता* होती है...!

         *मनुष्य* का *बड़ा* होना *अच्छी* बात है.,
       लेकिन उसके *व्यक्तित्व में गहराई* और
      *विचारों में शुद्धता* भी होनी चाहिए
            तभी वह *महान* बनता है...!!

    *शुभ प्रभात*

राम राम क्यों कहा जाता है?

*राम राम क्यों कहा जाता है?*

क्या कभी सोचा है कि बहुत से लोग जब एक दूसरे से मिलते हैं तो आपस में एक दूसरे को दो बार ही *“राम राम"* क्यों बोलते हैं ?

*एक बार या तीन बार क्यों नही बोलते ?*

दो बार *“राम राम"* बोलने के पीछे बड़ा गूढ़ रहस्य है

क्योंकि यह आदि काल से ही चला आ रहा है...

हिन्दी की शब्दावली में *‘र'* सत्ताइसवां शब्द है,

*‘आ’* की मात्रा दूसरा और *‘म'* पच्चीसवां शब्द है...

अब तीनो अंको का योग करें तो
27 + 2 + 25 = *54*,

*अर्थात एक “राम”* का योग 54 हुआ-

*इसी प्रकार दो “राम राम”* का कुल *योग 108* होगा।

हम जब कोई जाप करते हैं तो 108 मनके की माला गिनकर करते हैं।

सिर्फ *'राम राम'* कह देने से ही पूरी *माला का जाप* हो जाता है।

*राम राम ...जी*

शख्शियत

बहुत ही सुंदर पंक्तियां भेजी है, फारवर्ड करने से खुद को रोक नहीं पाया ....

जब भी अपनी शख्शियत पर अहंकार हो,
एक फेरा शमशान का जरुर लगा लेना।

और....

जब भी अपने परमात्मा से प्यार हो,
किसी भूखे को अपने हाथों से खिला देना।

जब भी अपनी ताक़त पर गुरुर हो,
एक फेरा वृद्धा आश्रम का लगा लेना।

और….

जब भी आपका सिर श्रद्धा से झुका हो,
अपने माँ बाप के पैर जरूर दबा देना।

जीभ जन्म से होती है और मृत्यु तक रहती है क्योकि वो कोमल होती है.

दाँत जन्म के बाद में आते है और मृत्यु से पहले चले जाते हैं...  
  क्योकि वो कठोर होते है।

छोटा बनके रहोगे तो मिलेगी हर
बड़ी रहमत...
बड़ा होने पर तो माँ भी गोद से उतार
देती है..
किस्मत और पत्नी
भले ही परेशान करती है लेकिन
जब साथ देती हैं तो
ज़िन्दगी बदल देती हैं.।।

"प्रेम चाहिये तो समर्पण खर्च करना होगा।

विश्वास चाहिये तो निष्ठा खर्च करनी होगी।

साथ चाहिये तो समय खर्च करना होगा।

किसने कहा रिश्ते मुफ्त मिलते हैं ।
मुफ्त तो हवा भी नहीं मिलती ।

एक साँस भी तब आती है,
जब एक साँस छोड़ी जाती है!!"?.: 
नंगे पाँव चलते “इन्सान” को लगता है
कि “चप्पल होते तो क अच्छा होता”
बाद मेँ……….
“साइकिल होती तो कितना अच्छा होता”
उसके बाद में………
“मोपेड होता तो थकान नही लगती”
बाद में………
“मोटर साइकिल होती तो बातो-बातो मेँ
रास्ता कट जाता”

फिर ऐसा लगा की………
“कार होती तो धूप नही लगती”

फिर लगा कि,
“हवाई जहाज होता तो इस ट्रैफिक का झंझट
नही होता”

जब हवाई जहाज में बैठकर नीचे हरे-भरे घास के मैदान
देखता है तो सोचता है,
कि “नंगे पाव घास में चलता तो दिल
को कितनी “तसल्ली” मिलती”…..

” जरुरत के मुताबिक “जिंदगी” जिओ – “ख्वाहिश”….. के
मुताबिक नहीं………

क्योंकि ‘जरुरत’
तो ‘फकीरों’ की भी ‘पूरी’ हो जाती है, और
‘ख्वाहिशें’….. ‘बादशाहों ‘ की भी “अधूरी” रह जाती है”…..

“जीत” किसके लिए, ‘हार’ किसके लिए
‘ज़िंदगी भर’ ये ‘तकरार’ किसके लिए…

जो भी ‘आया’ है वो ‘जायेगा’ एक दिन
फिर ये इतना “अहंकार” किसके लिए…

ए बुरे वक़्त !
ज़रा “अदब” से पेश आ !!
“वक़्त” ही कितना लगता है
“वक़्त” बदलने में………

मिली थी ‘जिन्दगी’ , किसी के
‘काम’ आने के लिए…..
पर ‘वक्त’ बीत रहा है , “कागज” के “टुकड़े” “कमाने” के लिए………