*"ज़िन्दगी" बदलने के लिए*
*लड़ना पड़ता है..! और*
*आसान करने के लिए*
*समझना पड़ता है..!*
*वक़्त आपका है, चाहो तो सोना बना लो और चाहो तो सोने में गुज़ार दो..!*
*अगर कुछ अलग करना है तो भीड़ से हटकर चलो..!*
*भीड़ साहस तो देती है पर*
*पहचान छीन लेती है...!*
*मंज़िल ना मिले तब तक हिम्मत मत* *हारो और ना ही ठहरो.... क्योंकी*,
*पहाड़ से निकलने वाली नदियों ने* *आज तक रास्ते में किसीसे नहीं पूछा... "समन्दर कितना दूर है*.."!
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