Wednesday, 23 November 2016

कुदता फांदता था बचपन

जिद्दी -सा, अख्खड-सा  मैदानो  में कुदता फांदता था बचपन,
उमर के थपेडो ने इसे मजबूरन जवान कर दिया...!!!

चवन्नी की कुल्फियो में शहनशाह हुआ करते  थे,
आज हजार के नोटो ने परेशां कर दिया...!!!

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