तंत्र से लवंग के सरल उपाय
'ललित लवंग लता परिशीलन,
कोमल मलय शरीरे......'
महाकवि जयदेव की अमृत वाणी लवंग के विषय में इन दो पंक्तियों में सब कुछ कह गयी।
लवंग(Clove) एक मध्यम आकार का सदाबहार वृक्ष से पाये जाने वाला बिना फिला हुआ पुष्प है। खाने के प्रेमियों के लिए स्वाद और आयुर्वेद में औषधीय गुणों के भण्डार को अपने में समेटे हुए होने के कारण इसका व्यापक रूप से प्रयोग सैकड़ों वर्षों से होता रहा है। पूजा पद्यतियों के साथ-साथ तंत्र शास्त्रों में लवंग का स्थान बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। अनेक ऐसी साधनाएं हैं जो लवंग के बिना पूर्ण ही नहीं मानी जातीं।
प्रेत बाधा, वशीकरण, जम्बूकी अर्थात् सियार सिंघी साधना, भुजयुग्म अर्थात् हाथा जोड़ी साधना आदि अनेकों में लवंग का प्रयोग आवश्यक रूप से किया जाता है।
1. लौंग तथा कपूर और इलायची जलाकर उसकी बनी राख को घर के मुख्य द्वार पर छोड़ दिया करें वास्तु दोष जनित दोष दूर होंगे।
2. दो फूलदार लौंग चांदी की छोटी सी कटोरी में कपूर के साथ नित्य चौका सिमटने के बाद जला दिया करें, अन्नपूर्णा माँ की कृपा बनी रहेगी ।
3. धन प्राप्ति की कामना के लिए लक्ष्मी जी को नित्य दो लौंग अर्पित करें।
4. लौंग को भांगड़ा के रस में घिसकर लेप बनाएँ और 'ऊँ नमो भगवते शत्रुणां बुद्धिस्तम्भ्य कुरु-कुरु स्वाहा' मंत्र जप करते रहें, शत्रु आपके वश में होने लगेंगे।
5. जन्मपत्री में यदि राहुदोष के कारण कष्ट भोग रहे हैं तो रविवार के दिन लौंग दान कर दिया करें। स्वास्थ्य लाभ के लिए घर में लौंग का पौधा लगाना बहुत उपयोगी सिद्ध होता है।
6. नवरात्रों में 'ऊँ ऐं ह्री क्लीं चामुण्डायै विच्चे' मंत्र जपकर लौंग, गोघृत, शक्कर तथा गोला गिरी से अग्नि में पाँच आहुतियाँ दिया करें, माँ की कृपा परिवार पर बनी रहेगी।
7. मानसिक संत्रास, अनिद्रा आदि से यदि पीड़ित हैं तो चमेली के तेल में कुछ लौंग डालकर उसका दीपक अपने शयन कक्ष में जलाया करें। दुःस्वप्न के कारण यदि रात में मन अस्थिर रहता है तो सोने से पूर्व कपूर के साथ दो लौंग जलाकर पांच बार मंत्र 'ऊँ स्वप्नेवराय नमः' जप कर लिया करें।
8. अमावस्या की रात्रि को कपूर के साथ दो लौंग जलाएँ। राख से उस व्यक्ति का नाम सादे कागज पर लिखें जो आपको आपका पैसा नहीं लौटा रहा अथवा अन्य किसी अन्यायपूर्ण कृत्य से आपको तंग कर रहा है। कागज को अपने दाएँ पैर से किसी वीराने स्थान में दबा दें। व्यक्ति आपकी सुनने लगेगा।
9. दो फूलदार लौंग लें उनको अपनी जीभ पर ऊपर से नीचे तक फिराएँ और उस व्यक्ति को किसी भी रूप में खाने में दे दें जिसको अपने वश में करना है, उसका प्रबल आकर्षण होने लगेगा।
10. दो लौंग 'ऊँ ऐ ह्री क्लीं चामुण्डायै विच्चे (अमुक) फट् उच्चाटन कुरु कुरु स्वाहा' मंत्र से अभिमंत्रित करके किसी भी रूप में उस व्यक्ति को खिला दें, जिसका उच्चाटन करना है।
11. दो लौंग उस समय मुँह में रख लें जब किसी साक्षात्कार, विशेष इष्ट सिद्धि अथवा अन्य किसी आवश्यक कार्य आदि के लिए घर से निकल रहे हों। उनके अवशेष उस स्थान पर चुपके से गिरा दें जहां से कार्य होने हैं अथवा जहाँ पर आप साक्षात्कार दे रहे हैं। आपका कार्य अवश्य ही सिद्ध होगा।
12. दो लौंग 'वषट् ऐं ह्री क्लीं चामुण्डयै विच्चे (अमुक) वषट् में वशय कुरु कुरु स्वाहा' मंत्र से अभिमंत्रित करके व्यक्ति को किसी भी रूप में खिला दें, उसका प्रबल वशीकरण होने लगेगा।
13. चालीस दिन तक किसी भी समय ग्यारह लौंग माँ सरस्वती के चित्र अथवा यंत्र पर 'ऊँ त्रं ऊँ' मंत्र जप कर अर्पित कर दें। अन्तिम दिन जमा हुए सब लौंग दक्षिण दिशा में कहीं दबा दें। शिक्षा के प्रति आपकी अरुचि दूर होने लगेगी।
14. लौंग और जायफल से नित्य हवन किया करें, घर में प्रेतबाधा से हो रही अशांति शांत होन लगेगी।
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