सड़क के इस पार एक सिंधी भाई की दुकान थी। सड़क के उस पार एक बड़ी कम्पनी का नया स्टोर खुला और साइन बोर्ड लगा कि मक्खन 100 रुपये !
अगले दिन सिंधी भाई की दुकान पर साइन बोर्ड था, मक्खन 90 रुपये !
उसके अगले दिन कम्पनी के साइन बोर्ड पर मक्खन 80 रुपये !
इसी चक्कर की बिना पर और दो दिन बाद कम्पनी के साइन बोर्ड पर मक्खन 60 रुपये टंगा था !
इस सिलसिले पर निगाह रखने वाले एक सज्जन तब सिंधी भाई के पास पहुंचे और समझाया कि भाई, 'वो बड़ी कम्पनी है। वो घाटा खाकर भी लंबे समय तक अपना मक्खन या माल बेच सकते हैं। तुम उसके सामने ज्यादा समय तक टिक नहीं पाओगे।'
सिंधी भाई ने सज्जन को देखा, उसकी तरफ झुके और राजदाराना लहजे में कहा - *वरी सांई,मैं तो मक्खन बेचता ही नहीं*
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